कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी और वाहन ऋण न मिलने की वजह से संकट में पड़े वाहन उद्योग पर एक सरकारी फरमान और गाज गिराने आ गया है।
बडे इंजन वाले यात्री वाहनों पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि के सरकारी फैसले से इस उद्योग की हालत और खस्ता हो सकती है। नामी कंपनियों को आशंका है कि शुल्क में बढ़ोतरी से कहीं ज्यादा कारों की ऑन रोड कीमतों में इजाफा होगा।
इस बढ़ोतरी के बाद अब 15,000 सीसी क्षमता से अधिक (1,999 सीसी तक) के इंजन वाले वाहनों पर उत्पाद शुल्क के रूप में 15,000 रुपये और 2,000 सीसी-प्लस इंजन वाले वाहनों की खरीद पर 20,000 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। मूल्य वर्धित कर (वैट) रोड टैक्स और इंश्योरंस में वृद्धि के कारण प्रति वाहन 15,000 की बढ़ोतरी का मतलब होगा प्रति वाहन पर कुल 22,000 रुपये का भार पड़ना।
इसी तरह 20,000 रुपये की वृद्धि के फलस्वरूप प्रति वाहन 27,000-28,000 रुपये का इजाफा होना। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़ोतरी ईंधन किफायत वाली छोटी कारों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए की गई है। होंडा सिएल कार्स इंडिया (एचएससीआई) के उपाध्यक्ष (विपणन) ज्ञानेश्वर सेन कहते हैं, ‘उत्पाद शुल्क में की गई अचानक बढ़ोतरी से हम आश्चर्यचकित हैं। इससे उद्योग पर निश्चित रूप से काफी अधिक असर पड़ेगा।
यह बोझ उस वक्त पड़ा है जब निर्माता अधिक उत्पादन लागत और ईंधन खर्च जैसी समस्याओं का पहले से ही सामना कर रहे हैं। हमने इस बढ़ोतरी के बाद बिक्री पर पड़ने वाले असर का आकलन नहीं किया है, लेकिन इस महीने के अंत तक इसे लेकर तस्वीर बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगी।’
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोटिव मैन्युफेक्चरर्स (सियाम) ने इस बढ़ोतरी की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है, ‘आर्थिक संकटों और मुद्रास्फीति में उछाल की मौजूदा स्थिति में कीमतों में वृद्धि अनुपयुक्त है। यह उद्योग पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है। वाहन उद्योग ने उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जताई है और इस बढ़ोतरी को तुरंत वापस लिए जाने के लिए सरकार के सामने गुहार लगाई है।’
इस बढ़ोतरी का असर उन कंपनियों पर अधिक पड़ेगा जो महिन्द्रा ऐंड महिन्द्रा (एमऐंडएम) जैसे यूटीलिटी वाहनों के निर्माण से खासतौर पर जुड़ी हुई हैं। इसके अलावा कॉम्पेक्ट कार सेगमेंट में उपस्थिति नहीं रखने वाली होंडा सिएल कार्स इंडिया (एचएससीआई) और टोयोटा जैसी कंपनियों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।
यूवी सेगमेंट में एमऐंडएम स्कोर्पियो और बोलेरो मॉडलों की बिक्री करती है। सियाम की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक इन मॉडलों का पिछले वर्ष कंपनी की कुल 129,911 यात्री कारों की बिक्री में 80 फीसदी का योगदान रहा। दोनों मॉडल उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने से प्रभावित होंगे। कंपनी के अधिकारियों ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।