समी मोडक
मुंबइ, 8 अक्टूबर
वेदांत की डीलिस्टिंग (सूचीबद्घता समाप्त करने) को लेकर शोध रिपोर्ट की वजह से आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज सुर्खियों में आ गई है। 5 अक्टूबर को इस ब्रोकरेज फर्म ने कंपनी के शेयर की रेटिंग में कमी (‘होल्ड’ से ‘रिड्यूस’) से संबंधित एक रिपोर्ट प्रकाशित की और इसमें बाजार नियामक सेबी द्वारा स्वीकृत बुक वैल्यू में कमी का हवाला दिया गया था।
बाजार नियामक ने उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें ब्रोकरेज फर्म को स्पष्टïीकरण जारी करने और रिपोर्ट में संशोधन करने का निर्देश दिया गया। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक सार्वजनिक सूचना विज्ञापन में कहा, ‘जैसा कि सेबी द्वारा निर्देश दिया गया है, हम 5 अक्टूबर 2020 को वेदांत पर इक्विटी शोध रिपोर्ट में अपने द्वारा दिए गए गलत विवरण पर स्पष्टïीकरण जारी कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में अनजाने में यह उल्लेख किया गया था कि वेदांत ने 89.3 रुपये प्रति शेयर की सेबी-स्वीकृत बुक वैल्यू पर जोर दिया है। इसे इस तरह से पढ़ा जाना चाहिए- वेदांत ने स्पष्टï किया है कि वित्त वर्ष 2020 की बुक वैल्यू 89.3 रुपये प्रति शेयर है। सेबी किसी सूचीबद्घता कीमत, डीलिस्टिंग कीमत या बुक वैल्यू को न तो स्वीकृत करता है और न ही अस्वीकृत।’सूत्रों का कहना है कि नियामक ने रिपोर्ट के समय और अनिचितता की जांच शुरू करने की योजना बनाई है।
वेदांत को 30 करोड़ बोलियां मिलीं
वेदांत को निजी कंपनी बनाने की कोशिश शुक्रवार को पूरी हो जाएगी। शुक्रवार रिवर्स बुक बिल्डिंग (आरबीबी) का आखिरी दिन है। गुरुवार तक, आरबीबी के लिए करीब 30 करोड़ शेयरों की बोलियां मिलीं, जो सूचीबद्घता समाप्त करने के लिए जरूरी न्यूनतम 1.34 अरब बोलियों के एक चौथाई से कम है। बीएसई द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़े के अनुसार आरबीबी को 175 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से करीब 27.7 करोड़ बोलियां मिली हैं। हालांकि निवेशकों के नामों का पता नहीं लगाया जा सका है। कुछ खबरों में कहा गया है कि ये बोलियां एलआईसी हो सकती हैं। एक विश्लेषक ने कहा, ‘अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शुक्रवार को निवेशक किस कीमत पर अपनी बोलियां सौंपेंगे। यदि कीमत ज्यादा ऊंची रहती है तो इसकी आशंका है कि डीलिस्टिंग की कोशिश विफल हो सकती है।’