आईटी सेवा क्षेत्र की भारत की दो शीर्ष कंपनियों – TCS और Infosys के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद शेयर बाजार की उम्मीदों से आगे निकलते हुए वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में HCLTech के शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 10.8 प्रतिशत की उछाल इस क्षेत्र के लिए राहत की बात थी। सौरभ लेले और शिवानी शिंदे के साथ बातचीत में एचसीएलटेक के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक सी विजयकुमार ने बताया कि वित्त वर्ष 204 में समेकन प्रमुख विषय रहेगा और कंपनी किस तरह आगे बढ़ रही है।
हम ग्राहकों के बजट पर दबाव आता जरूर देख रहे हैं क्योंकि तेज मुद्रास्फीति से हर किसी की लागत बढ़ जाती है, भले ही वह कोई भी कारोबार हो। जब हमने पहली तिमाही में ग्राहकों के साथ चर्चा की, तो हमारे शीर्ष ग्राहकों में इस संबंध में अच्छा नजरिया था कि वे किन कार्यक्रमों के लिए पैसा लगाएंगे और किन कार्यक्रमों में शायद न लगाएं।
उसके आधार पर हमने उन अवसरों के लिए अपना ध्यान और कौशल शीघ्रता से दोबारा केंद्रित किया, जहां ग्राहकों के पास वित्तीय समर्थन हो। और उस तुरंत बदलाव ने मदद की है। ग्राहक कार्यक्रमों के संबंध में अधिक सतर्क हो गए हैं, जो निवेश पर दीर्घावधि रिटर्न (आरओआई) प्रदान करता है और ऐसे कार्यक्रमों पर अधिक जोर रहता है, जो निकट अवधि का रिटर्न देते हैं।
लागत सुव्यवस्था की तरफ से दक्षता और अवसरों पर जबरदस्त ध्यान दिया गया है। क्लाउड माइग्रेशन भी ऐसा दमदार विषय है, जहां हम तेजी देख रहे हैं क्योंकि बड़े ग्राहक सार्थक तरीके से हाइपर-स्केलर्स की ओर जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। और बेशक तीसरा क्षेत्र – डेटा भी ऐसा बड़ा क्षेत्र बनता जा रहा है, जिसमें ग्राहक निवेश कर रहे हैं।
अगर आप पिछली सात-आठ तिमाहियों को देखें, तो हमारे अनुबंध दो अरब डॉलर से ऊपर काफी स्थिर रहे हैं। यह 2.1 अरब डॉलर और 2.4 अरब डॉलर के बीच चल रहे हैं। इस तिमाही में हम लगभग 2.08 अरब डॉलर के आस-पास आ गए। मुझे नहीं लगता कि आप इससे कुछ नतीजा निकाल सकते हैं। हमारी पाइपलाइन सर्वकालिक शीर्ष स्तर के करीब है और हमें विश्वास है कि हमारी बुकिंग की रफ्तार बरकरार है।
साफ तौर पर बदलाव है। छोटे अनुबंधों के एक बड़े हिस्से की ओर से हम ऐसे माहौल में चले गए हैं, जहां पाइप लाइन में बड़े सौदों का बड़ा हिस्सा है। आप इसका श्रेय व्यापक स्थिति को दे सकते हैं।
मैं इस बात पर जोर देता रहा हूं कि यूरोप में कारोबार की रफ्तार धीमी हो गई है और इसका आगामी तिमाहियों पर कुछ असर पड़ेगा। आप क्रमिक आंकड़ों में कुछ नरमी देखेंगे, जो कुछ तिमाहियों तक जारी रह सकती है।
जनवरी में ग्राहकों ने अपना बजट बनाना भी शुरू नहीं किया था। हमें मांग के माहौल के आधार पर फ्रेशर को काम पर रखने की योजना को कुछ सीमित करना पड़ा। नौकरी छोड़ने की हमारी दर में खासी कमी आई है। यह उद्योग में सबसे कम दर में शामिल है।