भारतीय सीमेंट उद्योग के इतिहास में अब तक के सबसे महंगे सौदे में हैदराबाद की कंपनी माई होम इंडस्ट्रीज ने अपनी 50 फीसद हिस्सेदारी आयरलैंड की विनिर्माण सामग्री बनाने वाली फर्म सीआरएच प्राइवेट लिमिटेड के हाथों बेच दी।
इस सौदे से माई होम को 1,875 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं। इस अधिग्रहण को सबसे महंगा अधिग्रहण मांगा जा रहा है। इसमें आयरिश कंपनी को एक टन सीमेंट के एवज में लगभग 235 डॉलर यानी तकरीबन 9,400 रुपये अदा करने पड़ रहे हैं।
बाजार के पंडितों का कहना है कि घरेलू बाजार में जो कीमत है, उसके मुकाबले आयरिश कंपनी ने बहुत ज्यादा कीमत अदा की है। भारतीय बाजार में इस समय सीमेंट कंपनियों की कीमत 6,000 रुपये प्रति टन के हिसाब से लगाई जा रही है।
इस अधिग्रहण में कोटक इन्वेस्टमेंट बैंक ने सलाहकार की भूमिका निभाई। इस पर अंतिम मोहर गुरुवार को लगाई गई। माई होम के प्रबंधन ने संपर्क किए जाने पर इस सौदे की पुष्टि कर दी, लेकिन उन्होंने कोई भी ब्योरा देने से इनकार कर दिया।
अलबत्ता सूत्रों का कहना है कि दोनों कंपनियों के बीच इस सिलसिले में 2006 से ही बातचीत चल रही थी। माई होम के वित्त एवं वाणिज्य निदेशक संभा शिवा ने पिछले साल बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया भी था कि दूसरी विदेशी कंपनी की बोली को उनकी कंपनी ठुकरा चुकी है। उस कंपनी ने लगभग 200 डॉलर प्रति टन के हिसाब से बोली लगाई थी। उन्होंने यह भी कहा था कि कंपनी ऊंची बोली लगाने वाले का इंतजार कर रही है।
सीमेंट उद्योग के जानकार माई होम के प्रबंधन की पीठ थपथपा रहे हैं। उनके मुताबिक कंपनी ने वाकई बहुत अच्छा सौदा किया है। जिस समय समूचा उद्योग गिरावट की ओर बढ़ रहा है, कंपनी इतनी अच्छी कीमत हासिल करने में कामयाब रही। लेकिन उनका यह भी कहना है कि वाकई सौदे की कीमत बहुत ज्यादा है।
हालांकि सीमेंट उद्योग में महंगे सौदों का ही मौसम चल रहा है। हाल ही में लार्सन ऐंड टुब्रो के रेडी मिक्स कंक्रीट कारोबार को फ्रेंच कंपनी लाफार्ज ने खरीदा था। इसमें भी 1,480 करोड़ रुपये अदा किए गए थे, जिसे बहुत बड़ी कीमत कहा गया था। माई होम इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सालाना 32 लाख टन सीमेंट उत्पादन क्षमता है। अगले साल की शुरुआत में यह आंकड़ा 42 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है।