जीएसके इंडिया ने दो प्रेसीजन थेरेपीज- जेम्परली (डोस्टारलिमैब) और जेजुला (निरापारिब) की पेशकश के साथ ऑन्कोलॉजी क्षेत्र में फिर से प्रवेश किया है। ये उपचार स्त्री रोग संबंधी कैंसर से संबंधित हैं। लगभग एक दशक पहले नोवार्टिस को अपना ऑन्कोलॉजी पोर्टफोलियो बेचने के बाद यह जीएसके की कैंसर केयर सेगमेंट में वापसी है। जीएसके का शेयर सुबह के कारोबार में बढ़त बनाए हुए था और आखिर में मामूली कमजोरी के साथ 2,797.3 रुपये पर बंद हुआ।
जीएसके इंडिया के प्रबंध निदेशक भूषण अक्षीकर ने कहा, ‘यह हमारे लिए स्थिर शुरुआत है क्योंकि मौजूदा समय में ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में हमारी कोई उपस्थिति नहीं है। रोगी परिदृश्य को देखें तो, विशेष रूप से ओवरियन कैंसर में, पर्याप्त संभावनाएं दिख रही हैं। 4,000 करोड़ रुपये मूल्य की कंपनी होने के नाते हमारा लक्ष्य हमेशा से यही रहा है कि कम से कम 10 प्रतिशत राजस्व बढ़ोतरी के नए प्लेटफॉर्म से आए और ऑन्कोलॉजी सेगमेंट इस नए राजस्व स्रोत के निर्माण में प्रमुख प्रेरक ताकत होगा।’
इससे पहले 2014 में ग्लैक्सो ने अपना ऑन्कोलॉजी व्यवसाय नोवार्टिस को 20 अरब डॉलर से अधिक की एक स्वैप डील के तहत बेच दिया था। इसमें नोवार्टिस का वैक्सीन व्यवसाय जीएसके को हस्तांतरित हुआ था। बेचते समय जीएसके के ऑन्कोलॉजी पोर्टफोलियो का मूल्य 140 करोड़ रुपये था।
भारत में ओवरियन कैंसर के हर साल लगभग 48,000 नए मामले सामने आते हैं जिनमें मृत्यु दर सबसे अधिक है। एंडोमेट्रियल कैंसर के लगभग 19,000-20,000 नए मामले हर साल आते हैं। 2045 तक भारत में एंडोमेट्रियल और ओवरियन कैंसर के मामलों में क्रमशः 78 प्रतिशत और 69 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।
कंपनी ने दावा किया कि जेम्परली एडवांस्ड एंडोमेट्रियल कैंसर के सेकंड-लाइन ट्रीटमेंट के लिए देश की पहली स्वीकृत पीडी-1 इम्यूनोथेरेपी है जबकि जेजुला दैनिक ओरल पीएआरपी इन्हीबिटर है जिसे सभी बायोमार्कर टाइप में उन्नत ओवरियन कैंसर में फर्स्ट-लाइन मैंटेनेंस थेरेपी के रूप में मंजूरी दी गई है।