वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में भारतीय सीमेंट कंपनियां बिक्री में एक अंक की वृद्धि दर्ज कर सकती हैं जबकि उनके मुनाफे पर दबाव पड़ने की आशंका है। ब्लूमबर्ग के विश्लेषकों के अनुमान से पता चलता है कि समीक्षाधीन तिमाही में कई सीमेंट निर्माताओं को एबिटा और कर-बाद लाभ (पीएटी) में कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि बड़ी कीमत वृद्धि के अभाव में कम प्राप्तियों के कारण सालाना आधार पर मुनाफा प्रभावित होगा। समीक्षाधीन तिमाही में सीमेंट कीमतें काफी हद तक (आखिर में एक कीमत वृद्धि को छोड़कर) दबाव में रहीं। नुवामा के विश्लेषकों ने 6 जनवरी की रिपोर्ट में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके कवरेज में शामिल सीमेंट कंपनियों का एबिटा एक साल पहले की तुलना में 18 प्रतिशत कम रहेगा जिसका मुख्य कारण ऊंची प्रतिस्पर्धी तीव्रता के कारण कीमतें तय करने का कमजोर माहौल होना है।
येस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि वृद्धि सुस्त रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा, ‘कई समस्याओं (जैसे मॉनसून ज्यादा समय तक रहना, त्योहारी सीजन और क्षेत्रीय कोष जारी होने संबंधित समस्याओं) की वजह से पहली दो तिमाहियों की मंदी के बाद सीमेंट उद्योग तीसरी तिमाही में सुस्त वृद्धि दर्ज कर सकता है।’
विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों के विश्लेषकों ने शीर्ष चार सीमेंट निर्माताओं – अल्ट्राटेक सीमेंट, अंबुजा सीमेंट्स, डालमिया सीमेंट और श्री सीमेंट के लिए प्रति टन एबिटा में सालाना आधार पर गिरावट का अनुमान जताया है।
बिक्री वृद्धि के बारे में येस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने अपनी 1 जनवरी की रिपोर्ट में कहा कि उन्हें बिक्री में बड़ी तेजी नहीं दिख रही है, क्योंकि चुनाव और बजट घोषणा के बाद सरकारी पूंजीगत व्यय कार्यक्रम में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। इसलिए हमारे हिसाब से हाल में की गई कीमत बढ़ोतरी निराधार है।
नुवामा ने उद्योग-स्तर पर सीमेंट मांग एक साल पहले के मुकाबले तीसरी तिमाही में 8 फीसदी बढ़ने का अनुमान जताया है। उसका कहना है कि अधिग्रहणों की मदद से अंबुजा सीमेंट्स मांग में 20 फीसदी की तेजी दर्ज कर सकती है।
कोटक सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने 7 जनवरी की रिपोर्ट में अनुमान जताया कि सीमेंट उद्योग की मांग वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 6 फीसदी बढ़ेगी और उनके कवरेज वाली कंपनियों में इसमें सालाना आधार पर 7 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है। ब्रोकरों ने सीमेंट निर्माताओं के लिए अर्निंग डाउनग्रेड बरकरार रहने का भी अनुमान जताया है क्योंकि मांग में बड़ी तेजी अभी भी नहीं दिखी है।
नुवामा ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 से 2026 के लिए आय में गिरावट का अनुमान अस्थिर मूल्य निर्धारण परिवेश और वर्ष 2025 के पहले 9 महीने में अपेक्षा से कम मात्रा में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए जताया गया है।