चेन्नई के समीप फोर्ड इंडिया के कारखाने में कामकाज बंद होने के 18 महीने बाद यह प्रमुख अमेरिकी वाहन कंपनी अपने फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस (एफबीएस) के जरिये शहर में कारोबार बढ़ाने और भर्तियां करने में जुट गई है। फोर्ड मोटर कंपनी के मुख्य डिजिटल एवं सूचना अधिकारी माइक अमेंड ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस तमिलनाडु में अपने 12,000 कर्मचारियों के जरिये कंपनी की वैश्विक क्षमताओं को संभालती है।
अमेंड ने बताया कि फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस अगले कुछ वर्षों के दौरान चेन्नई के अपने ग्लोबल टेक्नोलॉजी ऐंड बिजनेस सेंटर में 3,000 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने जा रही है। भारत में प्रतिभाओं को तलाशने का उद्देश्य आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) पर कंपनी के भविष्य की रूपरेखा तैयार करना है। भारत में फोर्ड का दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक कार्यबल मौजूद है।
अमेंड ने कहा, ‘विस्तार दो तरीके से हो रहा है। अगले कुछ साल में हम यहां शायद 3,000 लोग बढ़ाने जा रहे हैं। बड़ा पहलू यह है कि हम अपने एफबीएस केंद्र में एआई और एमएल तकनीक के साथ काम कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हम काफी अधिक कौशल और ज्ञान की जरूरत वाले काम के लिए ये भर्तियां कर रहे हैं।’ फोर्ड इंडिया ने 2022 में मरैमलाई नगर में अपना कारखाना बंद कर दिया था। उसके करीब डेढ़ साल बाद समूह भर्तियां कर रहा है। फोर्ड इंडिया ने अपना कारखाना चरणबद्ध तरीके से बंद करने की घोषणा 9 सितंबर, 2021 को की थी और अगस्त 2022 में उत्पादन बंद कर दिया था।
फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशंस समूह का वैश्विक प्रतिभा कार्यालय है जो कंपनी के सभी कार्यों में मदद करता है। चेन्नई के अलावा इसके दो अन्य केंद्र मैक्सिको सिटी और हंगरी में हैं जो न केवल प्रौद्योगिकी बल्कि एंटरप्राइज तकनीक, वैश्विक डेटा इनसाइट ऐंड एनालिटिक्स, वित्त एवं मानव संसाधन आदि के लिए कंपनी की मदद करते हैं। सितंबर, 2021 में जब फोर्ड इंडिया ने भारत से कारोबार समेटने का ऐलान किया था तब भारत में एफबीएस के कर्मचारियों की संख्या 11,000 थी। उसके बाद से वहां 1,000 कर्मचारी बढ़ाए जा चुके हैं।
भारत में भर्तियों की वजह पूछने पर अमेंड ने कहा, ‘ये कर्मचारी काफी उन्नत कार्यों के लिए होंगे। वे हमारे डिजिटल कायांतरण जैसा अत्याधुनिक काम करेंगे, जिसे हम अपने डिजिटल उत्पाद के तहत तैयार कर रहे हैं।’ एफबीएस अपने चेन्नई केंद्र में फोर्ड मोटर कंपनी की वित्तीय सेवा इकाई फोर्ड क्रेडिट की गतिविधियों का भी विस्तार करेगा। इसी तरह का विस्तार फोर्ड प्रो के लिए किया जा रहा है, जो फोर्ड का वाणिज्यिक कारोबार है।
खबरें हैं कि फोर्ड की क्लाउड-फर्स्ट रणनीति ने ‘सॉफ्टवेयर-डिफाइन्ड व्हीकल’ के उत्पादन में बदलाव लाने में मदद की है। इसके बारे में पूछे जाने पर अमेंड ने कहा, ‘हम अपने कई ऐप्लिकेशन एवं क्षमताएं बदल रहे हैं। साथ ही हम अपनी पेरोल व्यवस्था को भी आधुनिक बनाने की तैयारी कर रहे हैं।’
दिलचस्प है कि यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जब चर्चा है कि फोर्ड इंडिया अपने चेन्नई कारखाने को बेचने के फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है। चर्चा है कि कंपनी निर्यात के लिए या भारतीय बाजार में अपनी वापसी के लिए इस कारखाने का दोबारा उपयोग करने की संभावनाएं तलाश रही है। इस बारे में अमेंड ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि फोर्ड वापस आ रही है या नहीं।’