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सुस्त मांग से जूझ रहीं FMCG फर्में, उपभोग की चुनौतियां बरकरार

FMCG Q3 : FY 2024 की तीसरी तिमाही में FMCG कंपनियों की शुद्ध बिक्री 57,604 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 56,203 करोड़ रुपये से मामूली अधिक है।

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कृष्ण कांत   
Last Updated- February 05, 2024 | 10:47 PM IST

अर्थव्यवस्था में निजी खपत सुस्त रहने का असर दैनिक उपभोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियों की वृद्धि पर पड़ रहा है। चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सूचीबद्ध एफएमसीजी कंपनियों की शुद्ध बिक्री 2.5 फीसदी ही बढ़ी, जो 14 तिमाहियों में सबसे कम है।​ जून, 2020 में समाप्त तिमाही के बाद से एफएमसीजी कंपनियों की आय में यह सबसे कम वृद्धि है। कोविड के कारण जब लॉकडाउन हुआ था तब बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल कंपनियों की कुल बिक्री में सालाना 13.2 फीसदी गिरावट आई थी।

वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में एफएमसीजी कंपनियों की शुद्ध बिक्री 57,604 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 56,203 करोड़ रुपये से मामूली अधिक है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी शुद्ध बिक्री 56,921 करोड़ रुपये रही थी। वृद्धि में गिरावट इसलिए अधिक चिंताजनक है क्योंकि अक्टूबर-दिसंबर, 2022 में आय भी कम ही थी।

इस विश्लेषण में वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करने वाली 20 एफएमसीजी कंपनियां ली गई हैं, जिनमें हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, ए​शियन पेंट्स, डाबर इंडिया, गोदरेज कंज्यूमर, मैरिको, कोलगेट-पामोलिव, पीऐंडजी हाइजीन, जिलेट इंडिया और ज्योति लैब्स जैसे नाम शामिल हैं। नेस्ले इंडिया, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, टाटा कंज्यूकर, बर्जर पेंट्स और कंसाई नेरोलैक जैसी प्रमुख कंपनियों के नतीजे अभी जारी नहीं हुए हैं, इसलिए इन्हें नमूने में शामिल नहीं किया गया है।

मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने हिंदुस्तान यूनिलीवर के नतीजों पर लिखा है, ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर की बिक्री 2 फीसदी बढ़ी है और आय लगभग सपाट रही है। उत्पादों के दाम घटाने और ग्राहकों को ऑफर देने के बाद भी ग्रामीण इलाकों में बिक्री रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। शहरी इलाकों में प्रीमियम श्रेणी का प्रदर्शन बेहतर बना हुआ है।’

प्रभुदास लीलाधर के अमनीश अग्रवाल ने हाल में अपनी इंडिया स्ट्रैटजी रिपोर्ट में लिखा है, ‘चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में त्योहारों तथा शादी-विवाह पर मांग और ग्रामीण मांग में सुस्ती का असर दिखा है मगर शहरी इलाकों में मांग मजबूत बनी हुई है। उच्च और उच्च मध्य वर्ग के बीच मांग मजबूत है मगर निम्न वर्ग पर महंगाई का दबाव बना हुआ है।’

कच्चे माल की लागत कम होने से कंपनियों का मार्जिन बढ़ा है, जिससे उद्योग का मुनाफा अपेक्षाकृत ज्यादा बढ़ा। नमूने में शामिल एफएमसीजी कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 9.3 फीसदी बढ़कर 11,820 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 10,812 करोड़ रुपये था। मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 13.8 फीसदी बढ़ा था, जिस लिहाज से इस बार रफ्तार कम रही। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में कुल बिक्री में कच्चे माल की लागत घटकर 46.7 फीसदी रह गई।

First Published : February 5, 2024 | 10:47 PM IST