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Executive Compensation: अहम मैनेजमेंट पदों पर वेतन 3.9 प्रतिशत बढ़ा

इनमें शीर्ष प्रबंधन अधिकारी शामिल, चार साल में यह सबसे कम वेतन वृद्धि

Published by
कृष्ण कांत   
Last Updated- September 03, 2024 | 9:41 PM IST

देश की प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के आला अधिकारियों की वेतन वृद्धि दो वर्षों के दमदार इजाफे के बाद साल 2023-24 में सुस्त पड़ गई। बीएसई 200 कंपनियों के प्रमुख प्रबंधन कर्मियों (केएमपी) या शीर्ष प्रबंधन के मामले में कुल वेतन वित्त वर्ष 24 में 3.9 प्रतिशत बढ़कर 8,304 करोड़ रुपये हो गया।

यह पिछले चार साल में सबसे कम वृद्धि है। एक साल पहले यह वृद्धि 7,990 करोड़ रुपये थी। बिजनेस स्टैंडर्ड रिसर्च ब्यूरो द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार यह वित्त वर्ष 23 में 27.1 प्रतिशत की वृद्धि और वित्त वर्ष 22 में 38.8 प्रतिशत की वृद्धि के एकदम उलट है।

पिछले वित्त वर्ष कॉरपोरेट आमदनी में जोरदार इजाफे के बावजूद कार्यकारी अधिकारियों के वेतन में वृद्धि नरम रही। बीएसई 200 सूचकांक में शामिल जिन 151 कंपनियों का नमूने में शामिल किया गया, उनका संयुक्त शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 24 में पिछले साल की तुलना में 22.3 प्रतिशत बढ़कर 6.07 लाख करोड़ रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 23 में 4.96 लाख करोड़ रुपये था। यह वित्त वर्ष 23 में 9.3 प्रतिशत की औसत आय वृद्धि के उलट है।

आला अधिकारियों के वेतन में कम वृद्धि से कंपनियों को अपने लाभ पर दबाव कम करने में मदद मिली। वित्त वर्ष 24 में अहम प्रबंधन पदों के वेतन की कॉरपोरेट लाभ में कुल हिस्सेदारी 1.37 प्रतिशत रही जो पिछले साल के 1.61 प्रतिशत और वित्त वर्ष 20 के 2.87 प्रतिशत के ऊंचे स्तर की तुलना में कम है।

वास्तव में वित्त वर्ष 24 में कंपनियों की आय के साथ अहम प्रबंधन पदों के वेतन का अनुपात कम से कम सात वर्षों में सबसे कम रहा। वित्त वर्ष 19 से वित्त वर्ष 24 के दौरान अहम प्रबंधन पदों का वेतन 14.41 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़ा जबकि कंपनियों की आय में 18 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर रही। अधिकारियों के वेतन का एक बड़ा हिस्सा वैरिएबल होता है, जो लाभ और कमीशन में हिस्सेदारी के रूप में होता है। यह आय संबंधी प्रदर्शन के प्रति संवेदनशील होता है।

डेलॉयट इंडिया के एक्जीक्यूटिव परफोर्मेंस ऐंड रिवार्ड सर्वे 2024 से पता चलता है कि निर्धारित लक्ष्य वाले वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक भाग पे-एट-रिस्क वाला होता है। इसमें पेशेवर सीईओ के वेतन का 57 प्रतिशत भाग प्रदर्शन से जुड़ा होता है जबकि प्रवर्तक सीईओ के मामले में यह 47 प्रतिशत होता है। सर्वेक्षण के अनुसार सीईओ का औसत वेतन अब 13.8 करोड़ रुपये है जो कोविड-19 से पहले के स्तरों की तुलना में 40 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।

कर्मचारी सलाहकार एडेको इंडिया के अनुसार अहम प्रबंधन पदों पर वेतन वृद्धि में इस नरमी के लिए सीएक्सओ (मुख्य कार्याधिकारियों) के संपूर्ण वेतन पैकेज में एम्पलॉयी स्टॉक ऑप्शन (ईसॉप) की बढ़ती हिस्सेदारी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

एडेको इंडिया में स्थायी नियुक्ति के निदेशक कार्तिकेयन के ने कहा, ‘पिछले साल अधिक संख्या में सीएक्सओ ने नकद हिस्से के बजाय ईसॉप के रूप में वेतन वृद्धि ली है। इससे वेतन वृद्धि कम दिखती है।’

इसके आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 24 में सीएक्सओ का वेतन, ईसॉप छोड़कर, छह प्रतिशत तक बढ़ा है। हालंकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आला प्रबंधन का कुल पैकेज तेज बढ़त की राह पर है। आईआईएएस के संस्थापक और प्रबंध निदेशक अमित टंडन कहते हैं कि सीएक्सओ और प्रमोटरों के पैकेज में वास्तव में कोई धीमापन नहीं है।

First Published : September 3, 2024 | 9:40 PM IST