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EV Market: एमजी विंडसर की एंट्री से ईवी बाजार में हलचल, टाटा मोटर्स की हिस्सेदारी घटी

एमजी मोटर की विंडसर ईवी ने अक्टूबर में 30% थोक बिक्री में योगदान दिया; बैटरी-एज-ए-सर्विस (BaaS) मॉडल ने ग्राहकों को आकर्षित किया

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शाइन जेकब   
सोहिनी दास   
Last Updated- November 20, 2024 | 10:19 PM IST

पिछले साल तक इलेक्ट्रिक यात्री वाहन बाजार में एकाधिकार रखने वाली टाटा मोटर्स को जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया से कड़ी चुनौती मिल रही है। कंपनी ने अपनी नई एमजी विंडसर बाजार में उतारने के साथ ही रफ्तार पकड़ ली है। विंडसर ने अक्टूबर में न केवल इलेक्ट्रिक कारों की कुल थोक बिक्री में 30 प्रतिशत का योगदान दिया, बल्कि अपनी शुरुआत के बाद से प्रतिदिन औसतन कम से कम 200 बुकिंग भी हासिल की। एमजी विंडसर ईवी की डिलिवरी 12 अक्टूबर से शुरू हुई थी।

इसके अलावा कंपनी को पहले 24 घंटों के भीतर 15,000 बुकिंग मिलीं जिससे इंतजार की अवधि मॉडल के आधार पर चार से छह महीने तक बढ़ गई। दूसरी तरफ ईवी क्षेत्र में धीरे-धीरे प्रतिस्पर्धा बढ़ने से टाटा मोटर्स की खुदरा बाजार हिस्सेदारी, जो अक्टूबर 2023 में 74 प्रतिशत थी, अक्टूबर 2024 में गिरकर 58 प्रतिशत रह गई। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर्स ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि हर छह महीने में एक मॉडल उतारने की योजना से प्रतिस्पर्धा और बढ़ सकती है। दिलचस्प यह है कि एमजी के पोर्टफोलियो में ईवी की हिस्सेदारी भी पिछले साल की मात्र 35 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर में करीब 70 प्रतिशत हो गई है। कंपनी को उम्मीद है कि पूरे 2024-25 में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत के दायरे में होगा और तीनों मॉडल (कॉमेट, जेडएस और विंडसर) को खरीदार मिलेंगे। थोक बिक्री के आंकड़ों के लिहाज से विंडसर ने अक्टूबर में 3,116 वाहन बेचे जो पूरे उद्योग का 30 प्रतिशत हैं।

जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी सतिंदर सिंह बाजवा ने कहा, ‘विंडसर ने उद्योग के लिए कीर्तिमान स्थापित किया है। पहले किसी भी अन्य ईवी को 24 घंटे के भीतर 15,000 बुकिंग नहीं मिली हैं। हम इस तिमाही में प्रति माह करीब 3,000 के स्तर पर हैं। जनवरी से हम अपना उत्पादन नियोजित तरीके से बढ़ाएंगे।’

विंडसर का प्रमुख आकर्षण इसका अनूठा बैटरी-एज-ए-सर्विस (बास) स्वामित्व का मॉडल है, जो ग्राहकों को केवल कार के लिए भुगतान करने और इस्तेमाल के अनुसार बैटरी पर खर्च करने की सुविधा देता है। यह किसी पारंपरिक कार में ईंधन भरने और शुरुआती खरीद मूल्य कम करने जैसा है।

टाटा मोटर्स ने कहा कि उसने बास मॉडल का ‘गणित’ देख लिया है और वह उसके यात्री वाहनों को लेकर ‘निश्चित नहीं’ है। टाटा मोटर्स के समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी पीबी बालाजी ने कहा, ‘ज्यादातर ग्राहक अब भी कार खरीद रहे हैं, बास नहीं। हम इसे उत्साह और बाजार को सक्रिय करने वाली रणनीति के तौर पर अधिक देखते हैं।’ वह दूसरी तिमाही के परिणामों के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वस्तु और सेवा (जीएसटी) के पहलुओं पर भी विचार करने की जरूरत है। बालाजी ने कहा, ‘इसलिए केवल बास के बारे में ही नहीं, बल्कि संपूर्ण पेशकश के बारे में सोचना होगा।’ टाटा मोटर्स और अन्य कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के बारे में पूछे जाने पर बाजवा ने संकेत दिया कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ग्राहकों के लिए मददगार होती है।

First Published : November 20, 2024 | 10:19 PM IST