देश के विमानन क्षेत्र को ग्राहकों की शिकायतों के निवारण के लिए लोकपाल की जरूरत है या नहीं, इस पर विचार करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय विमानन कंपनियों, हवाई अड्डा संचालकों और नियामकों की बैठक बुलाने पर विचार कर रहा है।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘मंत्रालय इस मसले पर सभी संबंधित पक्षों के विचार जानने और प्रस्ताव की समीक्षा के लिए उनके साथ बैठक करेगा। वैसे ग्राहकों की शिकायतों के निवारण के लिए मंत्रालय के पास पहले से ही हेल्पलाइन ‘एयर सेवा’ है मगर हम इसका अंदाजा लगाएंगे कि लोकपाल से विमानन क्षेत्र में सेवाओं में कितना सुधार आ सकता है।’
सू्त्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि मंत्रालय ने विमानन कंपनियों, हवाई अड्डों और नियामकों (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो) को इस मामले में लिखित टिप्पणी भेजने को कहा है।
पिछले साल 10 नवंबर को उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने विमानन सचिव वमलुनमंग वुअलनाम को पत्र लिखकर वेब चेक-इन के दौरान सीट छांटने पर विमानन कंपनियों के अलग से शुल्क वसूलने पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि अनिवार्य वेब चेक-इन की मुफ्त पेशकश करना और बाद में सीट चयन के लिए शुल्क वसूलना ‘उपभोक्ताओं को गुमराह करना’ है और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत ‘अनुचित व्यापार व्यवहार’ है।
सिंह ने कहा कि मंत्रालय बिजली लोकपाल और बीमा लोकपाल की तरह लोकपाल लाने पर भी विचार कर सकता है ताकि विमानन क्षेत्र के भीतर उपभोक्ता संबंधी मसलों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जा सके। यात्रा प्लेटफॉर्म और उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी इसकी पुरजोर वकालत की है।