देश के जी 20 शेरपा अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि भारत को तकनीक के क्षेत्र में अपनी संप्रभुता बनाए रखनी होगी और अपना ‘एंड टू एंड आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) इकोसिस्टम’ बनाना होगा। उन्होंने नई दिल्ली में स्टार्टअप महाकुंभ के दूसरे संस्करण में अपने भाषण में कहा, ‘भारत को तकनीकी विकास के क्षेत्र में संप्रभुता कायम रखना और आगे बढ़कर नेतृत्व प्रदान करना महत्त्वपूर्ण है। हमें किसी भी हालत में पश्चिम के देशों या विश्व के किसी अन्य देश का तकनीकी उपनिवेश नहीं बनना है।’
उन्होंने विषय ‘उन्होंने ‘गति पकड़ने से लेकर उड़ान भरने तक: भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम नेतृत्व के लिए तैयार’, विषय पर बोलते हुए कहा, ‘हमें त्वरित ढंग से, कम ऊर्जा खपत वाले और लागत प्रभावी तरीके से नवाचार जारी रखना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि देश का डेटा सेट बहुत व्यापक है और इसका इस्तेमाल एआई के नवोन्मेष में होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें निश्चित रूप से अपने डेटा सेट पर आधारित संप्रभु ढंग से मॉडल बनाना चाहिए और इसमें पश्चिम से जुड़े पूर्वग्रह न हों। हमें केवल एप्लीकेशन लेयर नहीं बल्कि हर हाल में एंड टू एंड पारिस्थितिकीतंत्र बनाना है।’
उन्होंने कहा, ‘स्टार्टअप को अनिवार्य रूप से एआई, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, बिग डेटा में प्रवेश करना होगा क्योंकि इन क्षेत्रों में बदलाव बहुत अहम होगा। भारत का भविष्य डीप टेक्नॉलजी में अव्वल बनने पर है।’
दरअसल, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को स्टार्टअप महाकुंभ के उद्घाटन के दौरान कहा था कि भारत को अनिवार्य रूप से डीप टेक्नॉलजी, नए उद्योगों और रोबोटिक्स में तेजी से कदम बढ़ाना होगा। गोयल ने कहा था कि भारत के स्टार्टअप अत्यधिक त्वरित डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जबकि चीन डीप टेक्नॉलजी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कांत ने कहा कि स्टार्टअप को भविष्य में तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, बैटरी भंडारण, हरित हाइड्रोजन और चक्रीय अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘चीन सौर ऊर्जा के 70 फीसदी बाजार, बैटरी के 74 फीसदी बाजार और इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार के करीब 80 फीसदी बाजार पर नियंत्रण रखता है। लिहाजा इन क्षेत्रों में भारत को तेजी से आगे बढ़ना है।’ कांत ने स्टार्टअप से कॉरपोरेट गवर्नेंस मॉडल को अपनाने का अनुरोध किया।