भारत के पारंपरिक पीसी बाजार (डेस्कटॉप, नोटबुक ओर वर्कस्टेशन समेत) को लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है। कैलेंडर वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में इस बाजार ने सिर्फ 32 लाख यूनिट की खेपें दर्ज कीं।
इंटरनैशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) वर्ल्डवाइड क्वाटर्ली पर्सनल कम्प्यूटिंग डिवाइस ट्रैकर से प्राप्त नए आंकड़े से पता चलता है कि तिमाही आधार पर 5.9 प्रतिशत तक की वृद्धि के बावजूद, कैलेंडर वर्ष 2023 की जून तिमाही में एक साल पहले के मुकाबले खेपों में 15.3 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई।
शिक्षा और सरकारी खरीदारी से पीसी बाजार को लगातार मदद मिली, जबकि उद्यम सेगमेंट से लगातार दबाव दर्ज किया गया। हालांकि आईडीसी के विश्लेषकों का मानना है कि पीसी और लैपटॉप पर ताजा आयात प्रतिबंध से उद्यमों को अपने खरीदारी संबंधित निर्णयों में तेजी लाने में मदद मिल सकती है।
आईडीसी इंडिया, साउथ एशिया ऐंड एएनजेड में डिवाइस रिसर्च के सहायक उपाध्यक्ष नवकेंदर सिंह ने कहा, ‘पीसी बाजार पिछली कुछ तिमाहियों से सुस्त बना हुआ है और एसएमई अपनी पीसी खरीदारी में विलंब कर रहे हैं। हालांकि आयात नवंबर से आयात प्रतिबंध लागू होने से विक्रेता उपभोक्ता और वाणिज्यिक सेगमेंटों, दोनों में इन्वेंट्री को बढ़ावा दे सकते हैं। एसएमई और उद्यम इस उम्मीद से अपनी पीसी खरीदारी में तेजी ला सकते हैं कि नवंबर से कीमतें बढ़ जाएंगी।’
जून तिमाही में, सभी उत्पाद श्रेणियों में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गई। जहां बिक्री को बढ़ावा देने वाली नोटबुक श्रेणी में एक साल पहले के मुकाबले 18.5 प्रतिशत तक की गिरावट आई, वहीं पिछली तिमाही तक दमदार प्रदर्शन करने वाली डेस्कटॉप श्रेणी में सालाना आधार पर 7 प्रतिशत की कमजोरी आई। उपभोक्ता और वाणिज्यिक सेगमेंट, दोनों पर दबाव दिखा और इनमें सालाना आधार पर 17 तथा 13.8 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।
मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों के लिए सरकार की शैक्षिक परियोजनाओं से शैक्षिक खंड को मजबूती मिली और इसमें सालाना आधार पर 43.7 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई। कई राज्यों के उच्च न्यायालयों की सक्रियता से भी सरकारी सेगमेंट में सालाना आधार पर 8.2 प्रतिशत तक इजाफा दर्ज करने में मदद मिली।