डिश टीवी और टाटा स्काई का कुल राजस्व बढ़कर 650 करोड़ रुपये

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:33 PM IST

चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक डायरेक्ट-टू-होम सेवा प्रदाता कंपनी डिश टीवी और टाटा स्काई का कुल राजस्व बढ़कर 650 करोड़ रुपये को पार कर सकता है।


हर महीने लगभग 2 लाख उपभोक्ताओं के जुड़ने के कारण कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्व साल 2006-07 की तुलना में तीन गुना हो सकता है।


पिछले वित्तीय वर्ष में इन दोनों कं पनियों ने 22 लाख उपभोक्ताओं  की  बदौलत 188 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।


 इन दोनों कंपनियों के कुल उपभोक्ताओं की संख्या चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक बढ़कर 50 लाख तक पहुंचने की संभावना है।


इनमे एसेल ग्रुप के डिश टीवी के उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 30 लाख और टाटा स्काई के उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 20 लाख होने की संभावना है।


 डिश टीवी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी के मुताबिक कंपनी को चालू वित्तीय वर्ष के दौरान कुल 400 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की उम्मीद है।


बिग टीवी और भारती जैसी कंपनियों के आने से उद्योग विश्लेषकों के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में डीटीएच कारोबार लगभग 1000 करोड़ रुपये के पार जा सकता है।


 डीटीएच उपभोक्ताओं की संख्या भी लगभग 80 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।


साल 2006-2007 के दौरान डीटीएच उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 22 लाख थी। इसमें से डिश टीवी के17 लाख उपभोक्ता थे और बाकी 5 लाख टाटा स्काई के पास थे।


चालू वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं की संख्या पिछले साल के मुकाबले दोगुनी होकर 50 लाख तक पहुंचने की संभावना है। देश की दूसरी निजी डीटीएच सेवा प्रदाता कंपनी टाटा स्काई ने अगस्त 2006 में ही सेवा देना शुरू किया है।


उद्योग विश्लेषकों के मुताबिक साल 2008-2009 में इस क्षेत्र में नई कंपनियों के आने से लगभग 35 लाख नए उपभोक्ता और जुड़ेंगे।


हालांकि डीटीएच कंपनियों के राजस्व में भारी बढ़ोतरी हुई है फिर भी कंपनियों को सेट टॉप बॉक्स पर दी जाने वाली सब्सिडी के कारण हो रहे 25-35 फीसदी नुकसान की भरपाई भी करनी पड़ेगी।


विश्लेषकों के मुताबिक किसी भी डीटीएच  कंपनी को अगर भारत में मुनाफा कमाना है तो उसके ग्राहकों की संख्या लगभग 80 लाख से 1 करोड़ के बीच होनी चाहिए।


डीटीएच लाइसेंस देने के कानून के मुताबिक सभी निजी डीटीएच ऑपरेटरों को अपनी कुल(ग्रोस) आय का 10 फीसदी हिस्सा लाइसेंस फीस के रुप में देना होगा।


साल 2006-07 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (आई ऐंड बी) ने डिश टीवी और टाटा स्काई जैसे निजी ऑपरेटरों से लगभग 19 करोड़ रुपये लाइसेंस फीस के रुप में वसूल किए थे।


इस वित्त वर्ष में मंत्रालय को सन डायरेक्ट(सन टीवी की डीटीएच कंपनी), बिग टीवी (रिलायंस कम्युनिकेशन)और भारती जैसी कंपनियों से भी अच्छी खासी आय होने की संभावना है। भारती और बिग टीवी जल्द ही अपनी सेवाएं शुरू करने वाली हैं।

First Published : March 13, 2008 | 8:06 PM IST