जापानी कार कंपनी निसान अपनी प्रतिस्पर्धी होंडा के साथ विलय वार्ता को रद्द कर रही है। इसके तहत तहत 60 अरब डॉलर से अधिक का समझौता रद्द किया जा रहा है। बुधवार को एक सूत्र ने यह जानकारी दी। अगर यह समझौता सफल होता तो नई कंपनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वाहन निर्माता बन जाती। इससे यह सवाल भी उठ रहा है कि कंपनी अकेले किस तरह से अपनी स्थिति में बड़ा बदलाव लाएगी।
मामले से अवगत दो लोगों ने बताया कि दोनों जापानी वाहन निर्माताओं के बीच बढ़ते मतभेदों की वजह से वार्ता की राह अस्पष्ट हो गई।
निसान का शेयर टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज पर 4 फीसदी से ज्यादा गिर गया। निक्केई बिजनेस डेली की इस रिपोर्ट के बाद कि निसान सौदे से हट रही है, शेयर टूट गया। इसके बाद एक्सचेंज ने अस्थायी रूप से शेयर की ट्रेडिंग रोक दी। होंडा के शेयरों में कारोबार जारी रहा और दिन के आखिर में 8 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुआ जो निवेशकों के लिए राहत का संकेत था। टोयोटा के बाद जापान की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता होंडा और तीसरी सबसे बड़ी निसान ने दिसंबर में कहा था कि वे बिक्री के लिहाज से दुनिया की तीसरी दिग्गज वाहन निर्माता बनाने की दिशा में बातचीत कर रही हैं। उद्योग को चीन की बीवाईडी और अन्य इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों से बड़े खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
रॉयटर्स ने पहले बताया था कि होंडा द्वारा सहायक कंपनी बनाने के संकेत देने के बाद निसान वार्ता रद्द कर सकती है। एक सूत्र ने बताया कि निसान ने इस पर आपत्ति जताई क्योंकि यह मूल रूप से बराबरी के विलय के रूप में तैयार योजना से अलग था।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि होंडा की बाजार वैल्यू 7.92 लाख करोड़ येन के साथ निसान के मुकाबले पांच गुना अधिक है और वह कायाकल्प योजना के बारे में अपनी छोटी प्रतिस्पर्धी की प्रगति को लेकर चिंतित थी।
यह समझौता वार्ता ऐसे समय में हो रही थी जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा संभावित टैरिफ लगाए जाने से समस्या हो सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि मैक्सिको के खिलाफ टैरिफ होंडा या टोयोटा की तुलना में निसान के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा।