देशभर में सबसे तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में उपभोक्ता बाजार भी एक बड़ा बाजार है। इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए सभी कंपनियों ने कवायद तेज कर दी है।
इसी कड़ी में आईटीसी ने उपभोक्ता बाजार में शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए आवश्यक ढांचा भी तैयार कर लिया है। कंपनी के कार्यकारी ने बताया कि इसके लिए कंपनी चरणबद्ध तरीके से निवेश करेगी।
इस निवेश का ज्यादातर हिस्सा ब्रांड को स्थापित करने, आपूर्ति शृंखला को बढ़ाने और कंपनी की वितरण इकाइयों को और बेहतर बनाने में निवेश करेगी। साल 2007 में आईटीसी का उपभोक्ता बाजार लगभग 68 फीसदी बढ़ा है।
आईटीसी भारत में अपनी बिंगो,सनफीस्ट, आशीर्वाद और किचेन्स ब्रांड के डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की शृंखला में 14 नए वैरिएंट्स लांच करने की योजना बना रही है। आईटीसी के खाद्य व्यापार के मुख्य कार्यकारी रवि नावेर ने बताया कि कंपनी लगातार ही इस श्रेणी में नया करने की कोशिश करती है। इस क्षेत्र में खुद को स्थापित करने के लिए लगातार ही उत्पादों की गुणवत्ता और ग्राहकों को कुछ नया देने की कोशिश करनी होती है। इसीलिए कंपनी 14 नए वैरिएंट्स लांच करने वाली है।
ये नए उत्पाद स्वास्थ्य के लिहाज से लाभकारी और बनाने में आसान होंगे।साल 2007 में कं पनी के डिब्बाबंद उत्पादों की बिक्री में रेकॉर्ड 51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। कंपनी ने अपने बिंगो ब्रांड के जरिये देश भर के संगठित नमकीन स्नैक्स बाजार में प्रवेश किया था। इस ब्रांड के तहत कंपनी ने आलू चिप्स और फिंगर चिप्स जैसे स्नैक्स पेश किए थे। कंपनी हाल में 6 ब्रांडों के तहत लगभग 150 उत्पाद बेचती है।
बिंगो के अंतर्गत अभी 16 और सनफीस्ट के अंतर्गत 18 वैरिएंट्स बेचती है।कंपनी अपने पोर्टफोलियो के विस्तार के लिए पर्सनल केयर उत्पादों के क्षेत्र की पूरी शृंखला लांच करने वाली है। कंपनी इसके तहत 2,700 करोड़ के स्किन केयर बाजार में अपनी पकड़ बनाने के लिए भी योजना तैयार कर ली है।
आईटीसी के पर्सनल केयर व्यापार के मुख्य कार्यकारी संदीप कौल ने बताया कि कंपनी इस श्रेणी में प्रीमियम ब्रांड के उत्पाद बेचती है लेकिन इसके बावजूद भी कंपनी के उत्पादों की बिक्री दर काफी अच्छी रही है। कंपनी जल्द ही अपने सालाना बिक्री आंकड़े भी जारी करने जा रही है।
आईटीसी ने इस साल फरवरी में ही विवेल डी विलिस और विवेल नाम से साबुन भी लांच किया है। पिछले साल सितंबर में कंपनी ने फियामा डी विलिस नाम से प्रीमियम शैम्पू बाजार में उतारा था। कंपनी ने इस शैम्पू के तीन वैरिएंट्स बाजार में पेश किए थे। इससे पहले कंपनी ने एसेंजा डी विलिस ब्रांड के तहत परफ्यूमों की पूरी शृंखला को बाजार में उतारा था।
विस्तार योजना के तहत ही कंपनी अपने ग्रीटिंग, गिफ्ट्स और स्टेशनरी व्यापार में भी विस्तार की योजना बना रही है। स्टेशनरी व्यापार से कंपनी को सालाना आय में कुल 180 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। कंपनी के एक कार्यकारी ने बताया कि कंपनी का लक्ष्य इस व्यापार से होने वाली आय को तीन साल में 1000 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है।
आईटीसी का स्टेशनरी व्यापार 100 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि ऑफिस स्टेशनरी समेत और भी कई उत्पाद लांच होने के बाद यह लक्ष्य पाना आसान ही होगा।कंपनी की क्लासमेट ब्रांड से ही कंपनी को 150 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होती है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में स्कूली शिक्षा का बाजार 5,000 करोड़ रुपये का है।
इस क्षेत्र की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए ही स्टेपल्स और ऑफिस वन जैसी कंपनियां भी भारत में स्टेशनरी के बाजार प्रवेश कर रही हैं। प्रस्तावित विस्तार के बाद कंपनी की आय में लगभग 30 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है।
बोलते आंकड़े
आईटीसी का एफएमसीजी कारोबार 2007 में 68 प्रतिशत बढ़ा है
कंपनी की योजना 14 नए वैरिएंट लॉन्च करने की है, जिसमें डिब्बाबंद खाद्य ब्रांड शामिल
कंपनी का ग्रीटिंग्स, तोहफे और स्टेशनरी विभाग लेखन में काम आने वाले उत्पादों पर ध्यान दे रहा है
आईटीसी की सह कंपनी विल्स लाइफस्टाइल नए रूप में स्टोरों और प्रीमियम उत्पादों को डिजाइन कर रही है