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ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोल-डीजल इंजन वाले टू-व्हीलर्स पर अतिरिक्त ग्रीन टैक्स लगाने की मांग

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भाषा   
Last Updated- June 06, 2023 | 4:58 PM IST

सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमई‍वी) ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की स्वीकार्यता बढ़ाने और कच्चे तेल के आयात को कम करने के लिए सरकार से आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) वाले दोपहिया वाहनों पर अतिरिक्त हरित कर लगाने की मांग की है।

इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग निकाय ने मंगलवार को बयान में कहा कि इस महीने की शुरुआत से इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी घट गई है, ऐसे में हरित कर से ईवी की बिक्री में अपेक्षित गिरावट को रोका जा सकेगा। एसएमईवी का मानना है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी के वित्तपोषण और फेम योजना को पटरी पर लाने के लिए प्रदूषण फैलाने वाले पारंपरिक आईसीई दोपहिया वाहनों पर कर में एक प्रतिशत की वृद्धि करने की जरूरत है।

एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि यही समय है कि ईवी क्षेत्र को आईसीई वाहनों से टक्कर लेने दी जाए।

गिल ने कहा कि एक उद्योग के रूप में हम जागरूकता तथा स्वीकार्यता के मुद्दों से जूझ रहे है, लेकिन ईवी के मामले में सबसे बड़ी चुनौती लागत की है, जो भारत मूल्य की दृष्टि से काफी संवेदनशील बाजार है।

First Published : June 6, 2023 | 4:58 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)