कंपनियां

कंपनियों के AGM में शेयरधारकों की घट रही मौजूदगी, भागीदारी 2019 के मुकाबले 5 से 8 गुना कम हुई

एजीएम शेयरधारकों के लिए कंपनी प्रबंधन के साथ बातचीत करने, प्रश्न पूछने और उन मुद्दों को उठाने का एक अवसर है जिन्हें वे महत्त्वपूर्ण मानते हैं।

Published by
सचिन मामपट्टा   
Last Updated- August 08, 2025 | 11:01 PM IST

कंपनियों की वा​र्षिक आम बैठक (एजीएम) के प्रति शेयरधारकों की दिलचस्पी घट रही है। साल 2025 के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि हर 10,000 शेयरधारकों में से महज एक ने ही एजीएम में भाग लिया, जबकि साल 2019 में यह आंकड़ा 5 से 8 गुना अधिक था। एजीएम में शेयरधारकों की मौजूदगी में गिरावट ऐसे समय में आई है जब कंपनियों ने अपने शेयरधारकों की तादाद में भारी वृद्धि दर्ज की है। एजीएम शेयरधारकों के लिए कंपनी प्रबंधन के साथ बातचीत करने, प्रश्न पूछने और उन मुद्दों को उठाने का एक अवसर है जिन्हें वे महत्त्वपूर्ण मानते हैं।

बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा किए गए 10 ब्लूचिप कंपनियों के एजीएम उपस्थिति संबंधी आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, कुल उपस्थित लोगों की संख्या 2019 में 4,217 के मुकाबले घटकर 2025 में 2,278 रह गई। औसतन किसी कंपनी में 2019 में प्रति 10,000 शेयरधारकों पर 5 के मुकाबले 2025में उप​स्थिति महज 1 थी। विश्लेषण में अन्य बीएसई सेंसेक्स कंपनियों को भी शामिल करने से पता चलता है कि वै​श्विक महामारी से पहले एजीएम में शेयरधारकों की उपस्थिति हर 10,000 शेयरधारकों पर 8 थी। मगर उसके बाद 10 कंपनियों ने 3 से 56 लाख के बीच अतिरिक्त शेयरधारक जोड़े हैं।

घरेलू प्रॉक्सी सलाहकार फर्म इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन के अनुसार, एजीएम में शेयरधारकों की उपस्थिति कम हो रही है क्योंकि शेयरधारकों को लगता है कि वर्चुअल आयोजन में उनके लिए कुछ खास नहीं है। कुछ खुदरा शेयरधारकों के लिए आयोजन में भाग लेने का एक कारण खानपान भी हो सकता है, मगर ऑफलाइन आयोजन में शेयरधारकों को एक साथ आने और बातचीत के जरिये परस्पर जुड़ने का अवसर मिलता है, जबकि वर्चुअल आयोजन में ऐसा नहीं हो पाता है।

ऑनलाइन कार्यक्रम में कंपनियों को विवादास्पद मुद्दे उठाने वाले शेयरधारकों को बाहर करना आसान होता है। सुब्रमण्यन ने वेदांत के एजीएम को ‘स्टेज मैनेज्ड’ होने के अमेरिकी शॉर्ट सेलर वायसराय रिसर्च आरोप की ओर इशारा किया। वायसराय की रिपोर्ट में लेखा संबंधी तमाम अनियमितताओं सहित कई आरोप लगाए गए थे। मगर कंपनी ने आरोपों का खंडन किया है। वै​श्विक स्तर पर बर्कशर हैथवे जैसी बड़ी कंपनियां एजीएम का आयोजन ऑफलाइन करती हैं। मगर कई भारतीय कंपनियों ने कोविड के बाद ऑफलाइन आयोजन को टालना पसंद किया।

वै​श्विक स्तर पर भी रुझान बदल रहा है। ऐपल और एग्जॉन मोबिल ने 2025 की बैठकें वर्चुअल तरीके से आयोजित कीं। बर्कशर हैथवे और ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी शेल जैसी अन्य कंपनियों ने ऑफलाइन बैठकें आयोजि कीं, मगर ऑनलाइन के विकल्प भी उपलब्ध थे।

सलाहकार फर्म इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज इंडिया के संस्थापक और प्रबंध निदेशक अमित टंडन ने कहा कि ऑफलाइन तरीके से आयोजित एजीएम में भी कंपनियां सवालों और विवादास्पद विषयों से बचती थीं। किसी कंपनी के आंशिक मालिक के रूप में शेयरधारकों को कंपनी से सवाल पूछने का अधिकार है। जब वर्चुअल आयोजन पहली बार शुरू हुए तो लोगों में उत्साह देखा गया था क्योंकि इससे एक साथ अलग-अलग शहरों में आयोजित कार्यक्रमों में भी भाग लेने की सुविधा मिली। मगर अब वह उत्साह ठंडा पड़ गया है।

First Published : August 8, 2025 | 10:41 PM IST