रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म एनारॉक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के आवासीय माइक्रो बाजार घर के मालिकों और निवेशकों दोनों के लिए लाभकारी साबित हो रहे हैं। प्रमुख शहरों में 2021 के अंत और 2025 के मध्य के बीच किराये और पूंजी वृद्धि दोनों में बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कुछ क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं जबकि अन्य इलाकों में किराये में इतनी तेजी से इजाफा हुआ है कि उसने महंगाई को पीछे छोड़ दिया है।’ यह बदलाव मजबूत रोजगार-केंद्रित मांग और बुनियादी ढांचे के लगातार विकास के कारण दर्ज किया गया है।
दिल्ली-एनसीआर के नोएडा सेक्टर 150 के माइक्रो बाजार ने 2025 की दूसरी तिमाही में कीमतों में 139 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 13,600 रुपये प्रति वर्ग फुट की वृद्धि हासिल की जबकि 2021 के अंत में यह 5,700 रुपये प्रति वर्ग फुट थी।
दूसरी ओर, इस अवधि में इस बाजार के किराये में भी 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके बाद एनसीआर का सोहना रोड रहा जहां कीमतों में 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई, साथ ही किराये में भी 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे स्थानों में नियोजित शहरी विकास को मास्टर प्लानिंग, हरित क्षेत्रों और बड़े पैमाने पर सुविधाओं का लाभ मिलता है जो निवेशकों और उपयोगकर्ताओं दोनों को आकर्षित करती हैं।
इसी प्रकार, हैदराबाद सूचना प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी सिटी (हाईटेक सिटी) और गाचीबावली में भी किराये के साथ-साथ पूंजी मूल्य में भी मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में चेंबूर और मुलुंड में पूंजी में क्रमशः 53 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि किराये में बढ़ोतरी 46 प्रतिशत और 32 प्रतिशत ही रही। इस कारण पर टिप्पणी करते हुए एनारॉक समूह के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा कि पूंजी मूल्यों में 2021 से 2023 के बीच तेजी से वृद्धि हुई है। इसके बाद बाजार में नई आपूर्ति आने और खरीदारों के मूल्य के प्रति अधिक संवेदनशील होने के कारण मजबूत लाभ हुआ है।
एनसीआर, एमएमआर और हैदराबाद में औसत पूंजी मूल्य किराये की तुलना में तेजी से बढ़ा जबकि पुणे, कोलकाता और चेन्नई में विपरीत रुझान रहा। पुणे के हिंजेवाड़ी में किराये में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पूंजी मूल्य में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।