कर्मचारियों की एंटीबॉडी जांच कर रहीं कंपनियां

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 3:46 AM IST

भारतीय उद्योग जगत में छोटी-बड़ी तमाम कंपनियों के बीच अपने कर्मचारियों की एंटीबॉडी जांच करवाने की सरगर्मी तेज हो गई है। इससे देश में कोविड-19 से प्रतिरक्षित लोगों का डेटाबेस तैयार करने में मदद मिलेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) कोविड-19 संबंधी जांच के लिए उपलब्ध तमाम जांच करवा रही है जिसमें एंटीबॉडी जांच भी शामिल है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि किस कर्मचारी की किस तरह की जांच की जानी चाहिए इसका निर्णय कृत्रिम बौद्धिकता आधारित लक्षण ट्रैकर के आधार पर किया जा रहा है। इसके लिए हरे कर्मचारी को खुदके और अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य की जानकारी देनी होती है। कृत्रिम बौद्धिकता आधारित लक्षण ट्रैकर के तहत तमाम तरह के सवाल पूछे जाते हैं जो आईसीएमआर के दिशानिर्देशों पर आधारित हैं। इससे डॉक्टरों को यह पता लगाने में मदद मिलती है कि किसी कर्मचारी अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य में कोविड-19 का संक्रमण तो नहीं है। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि इन जानकारियों के आधार पर डॉक्टर की सलाह से यह निर्णय लिया जाता है कि उस कर्मचारी को जांच करवाने की जरूरत है अथवा नहीं। इस ट्रैकर के जरिये करीब 8 लाख लोगों के आंकड़े जुटाए गए हैं जिनमें कर्मचारियों के अलावा उनके परिवार के हरेक सदस्य शामिल हैं। आरआईएल  इस आंकड़े और जांच के नतीजों का इस्तेमाल कर्मचारियों के सुरक्षित कार्यालय में वापसी की प्रक्रिया में करना चाहती है। जेएसडब्ल्यू, टाटा प्रोजेक्ट्स और थर्मेक्स जैसी कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों के लिए एंटीबॉडी जांच का विकल्प चुना है। इतना ही नहीं, बल्कि छोटी सलाहकार फर्म भी अपने कर्मचारियों की एंटीबॉडी जांच करवाना चाहती हैं। तमाम बड़ी कंपनियां नियामकीय दिशानिर्देशों के अनुपालन में अथवा सुरक्षा के लिए एहतियातन अपने कर्मचारियों की जांच के लिए आगे बढ़ी हैं।
टाटा प्रोजेक्ट्स अपने 20,000 कर्मचारियों की एंटीबॉडी जांच कराने की योजना बनाई है। कंपनी अब तक करीब 5 से 6 हजार कर्मचारियों की जांच करवा चुकी है। कंपनी एंटीबॉडी जांच के अलावा आरटी पीसीआर जांच भी करवा रही है। कंपनी ने उम्मीद जताई है कि इससे संक्रमण के मामलों को दूर करने और सुरक्षात्मक उपाय को बेहतर करने में मदद मिलेगी। थर्मेक्स के प्रबंधन निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी एमएस उन्नीकृष्णन ने कहा, ‘यह तात्कालिक जानकारी है।’ उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपनी विभिन्न फैक्टरियों से रैंडम आधार पर जुटाए गए नमूनों की जांच कराई है। कंपनियों के दफ्तरों और परियोजना स्थलों कोविड-19 संक्रमण का मामला उजागर होने के मद्देनजर एहतियातन जांच कराने की पहल की जा रही है। हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) की मुंबई में तटवर्ती सड़क परियोजना स्थल पर 250 कर्मचारियों  की कोविड जांच की गई लेकिन एंटीबॉडी की जांच नहीं की गई। हालांकि जांच में एचसीसी का एक भी कर्मचारी कोविड से संक्रमित नहीं पाया गया। लेकिन कंपनी अब मुंबई मेट्रो परियोजना से जुडऩे वाले सभी नए कर्मचारियों की जांच करवाने की योजना बना रही है।

First Published : August 4, 2020 | 11:50 PM IST