अक्टूबर-दिसंबर 2020 की अवधि भारत में शीतल पेय कंपनियों कोक और पेप्सी के लिए राहत लेकर आई। कोविड-19 महामारी का कई महीनों तक प्रभाव झेलने के बाद इस तिमाही में इन कंपनियों को बिक्री में सुधार लाने में मदद मिली। सप्ताह के दौरान दो कंपनियों की वैश्विक निवेशक रिपोर्टों पर प्रबंधन टिप्पणियों से संकेत मिला कि त्योहारी सीजन और लॉकडाउन की सख्ती घटने से दिसंबर तिमाही में बेवरेज बिक्री में सुधार दर्ज किया गया।
अटलांटा स्थित कोका-कोला कंपनी और न्यूयार्क के परचेज में मुख्यालय वाली पेप्स्किो इंक. जनवरी-दिसंबर लेखा वर्ष पर अमल करती हैं। कोका-कोला ने कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में भारत और चीन में उसके सॉफ्ट ड्रिंक की बिक्री में अच्छी वृद्घि आई, जबकि पेप्सिको ने कहा है कि उसने इस अवधि के दौरान शीतल पेय की मदद से भारत में ऊंचे एक अंक की राजस्व वृद्घि दर्ज की।
दोनों कंपनियों द्वारा अब इस साल गर्मी के सीजन से पहले नए शीतल पेय पेश कर कारोबार बढ़ाए जाने की संभावना है। पेप्सिको ने इसकी पहल शुरू कर दी है और उसने घोषणा की है कि वह आगामी सप्ताहों में भारत में अपना वैश्विक ब्रांड माउंटेन डियू आइस पेश करेगी। पेप्सिको के चेयरमैन एवं मुख्य कार्याधिकारी रेमन लगुआर्ता ने कहा, ‘चौथी तिमाही में हमने ब्राजील में दो अंक की राजस्व वृद्घि, चीन, भारत, आस्टेलिया और जर्मनी में एक अंक की वृद्घि, और ब्रिटेन तथा रूस में मध्यम एक अंक की वृद्घि दर्ज की है। बेवरेज में, हमने चीन, भारत, ब्रिटेन, जर्मनी, मिस्र और थाईलैंड में भागीदारी बढ़ाई है।’ लगुआर्ता भारत में शीतल पेय बिक्री में सुधार की बात कहने वाले अकेले सीईओ नहीं हैं। उनके प्रतिस्पर्धी कोका-कोला कंपनी के चेयरमैन जेम्स क्विंसी ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया दी है।
क्विंसी ने कहा, ‘भारत में, चुनौतियों के बावजूद, यहां रुझान मजबूत बना हुआ था और हमने सुधार के संकेत दर्ज किए।’
कोका-कोला इंडिया के प्रबंधन ने शुरू में संकेत दिया था कि उसकी निवेश योजनाएं कोविड-19 केंद्रित समस्याओं के बावजूद पटरी पर लौटी हैं और वह नॉन-कार्बोनेटेड ड्रिंक में पेशकशों की रफ्तार बढ़ा रही है, क्योंकि स्वास्थ्य मौजूदा महामारी की वजह से उपभोक्ताओं के लिए प्रमुख प्राथमिकता बन गया है।
जहां कोका-कोला के भारतीय परिचालन के लिए फिजी ड्रिंक अहम हिस्सा बना हुआ है, वहीं विश्लेषकों का अनुमान है कि देश में उसका एक-तिहाई व्यवसाय अब गैर-फिजी ड्रिंक से आता है। हाल के वर्षों में कंपनी ने फार्म-टु-वर्क इकोसिस्टम पर काम किया है और अपने जूस व्यवसाय के लिए स्थानीय फलों की मजबूत आपूर्ति सुनिश्चित की है। भारत बिक्री के लिहाज से कोका-कोला का पांचवों सबसे बड़ा बाजार पहले से ही बना हुआ है और कंपनी पांच साल में यहां बिक्री दोगुनी करने की संभावना तलाश रही है।
दोनों कंपनियों द्वारा भविष्य में बिक्री बढ़ाने के लिए स्थानीय स्तर के नवाचार पर जोर दिए जाने की संभावना है।