दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने मंगलवार को मोबाइल परिचालकों के लिये ‘मिड बैंड’ के 6GHz (गीगाहर्ट्ज) स्पेक्ट्रम को अलग रखने की वकालत की। 6GHz स्पेक्ट्रम को 5G के लिये बेहतर और संतुलित माना जाता है।
COAI का कहना है कि यह 5G सेवाओं के विस्तार के लिये महत्वपूर्ण है। इसे सभी के उपयोग के मकसद से लाइसेंस के दायरे से अलग रखा जाना चाहिए। इससे गुणवत्ता तथा अगली पीढ़ी की सेवाओं की लागत पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के लिये 6GHz स्पेक्ट्रम बेहतर और प्रभावी माना जाता है। फिलहाल ‘मिड बैंड’ में मौजूदा स्पेक्ट्रम दूरसंचार क्षेत्र की आवश्यकता से काफी कम है। साथ ही, 6GHz स्पेक्ट्रम अपने प्रसार गुणों के साथ घनी आबादी वाले क्षेत्रों, विशेष रूप से शहरी स्थानों के लिये बेहतर है।
COAI के महानिदेशक एसपी कोचर ने संवाददाताओं को 5G सेवाओं के लिये 6GHz स्पेक्ट्रम आवंटन की आवश्यकता के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘फिलहाल ‘मिड बैंड’ दायरे में स्थित 720 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम जरूरत के अनुसार पर्याप्त नहीं है। ऐसे में ‘मिड बैंड’ के 6GHz स्पेक्ट्रम को अलग रखने की जरूरत है।’