केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोहा और स्टील के लिए सार्वजनिक उपयोगिता की अवधि को छह महीने के बढ़ा दिया है। इससे सरकार ने कुछ दिन पहले एल्युमीनियम उद्योग और बॉक्साइट खनन के लिए ‘सार्वजनिक उपयोगिता’ की अवधि बढ़ाई थी।
सार्वजनिक उपयोगिता सेवा से तात्पर्य उन उद्योग या सेवाओं से होता है जो समाज की भलाई व कामकाज के लिए आवश्यक होते हैं। इन सेवाओं को इतना महत्त्वपूर्ण माना जाता है कि इनमें बाधा आने या रुक जाने से सार्वजनिक जीवन को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है या कठिनाई पैदा कर सकती है।
श्रम व रोजगार मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 को लागू कर दिया। इसमें ‘सार्वजनिक हित’ का उल्लेख किया गया है और इन ‘अनिवार्य’ क्षेत्रों में निर्बाध सेवाओं को जारी रखने की जरूरत पर बल दिया है।
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि श्रमिक संगठनों की 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से एक दिन पहले यह फैसला आया है। इसका मकसद कर्मचारियों को हड़ताल के अधिकार से वंचित करना है।