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सीमेंट कंपनियां बढ़त की राह पर, कमजोर मांग के बीच विस्तार जारी

भारतीय सीमेंट उद्योग में बाजार हिस्सेदारी के लिए खींचतान बढ़ती जा रही है। कुछ कंपनियों ने कतिपय क्षेत्रों में बिक्री में कमी दर्ज की है।

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अमृता पिल्लई   
Last Updated- August 16, 2024 | 11:43 PM IST

भारतीय सीमेंट उद्योग में बाजार हिस्सेदारी के लिए खींचतान बढ़ती जा रही है। कुछ कंपनियों ने कतिपय क्षेत्रों में बिक्री में कमी दर्ज की है। यहां तक कि इनमें शीर्ष चार कंपनियां भी शामिल हैं। कमजोर मांग और कीमतों के दबाव के बावजूद इनमें से कई उत्पादक विस्तार में तेजी पर ध्यान दे रहे हैं।

देश की शीर्ष चार सीमेंट विनिर्माताओं में से एक प्रति वर्ष 5.6 करोड़ टन क्षमता वाली श्री सीमेंट ने बीते सप्ताह की शुरुआत में विश्लेषकों को बताया कि उसे उत्तरी बाजार में बाधाओं का सामना करना पड़ा है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इसलिए कि हमारी दो बहुत शक्तिशाली प्रतिस्पर्धी (अंबुजा सीमेंट और अल्ट्राटेक सीमेंट) थीं।

बांगड़ परिवार के निवेश वाली सीमेंट कंपनी (श्री सीमेंट) ने इसके बावजूद पूर्वी बाजार में बिक्री बढ़ाने का रास्ता चुना। दिलचस्प यह है कि पूर्वी भारत उन दो क्षेत्रों में से एक है, जिसके बारे में अंबुजा सीमेंट के अधिकारियों ने कहा कि वहां बिक्री में कमी आई है।

इस महीने की शुरुआत में परिणामों के बाद निवेशकों के साथ बैठक में अंबुजा सीमेंट के अधिकारियों ने कहा, ‘दरअसल पूर्व और दक्षिण दो ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हम बिक्री वृद्धि में पिछड़ रहे थे। सीमेंट की कीमतों पर दबाव बनाए रखने के लिए लड़ाई जारी रही है। डालमिया सीमेंट के अधिकारियों ने कह, ‘दाम स्थिर नहीं रहे हैं क्योंकि सभी कंपनियां बाजार हिस्सेदारी में जुटी हई हैं। लोग बाजार हिस्सेदारी के भूखे हैं।’

कीमतों के दबाव और कमजोर मांग के बावजूद सीमेंट विनिर्माता अपनी विस्तार योजनाओं पर अडिग हैं, कुछ तो इसे बढ़ा रहे हैं। श्री सीमेंट के अधिकारियों ने कहा, ‘कंपनी अपने लक्ष्य को समय से पहले पूरा करने के लिए विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में क्षमता विस्तार पर काम कर रही है।’

हालांकि दाम और मांग के दबाव ने कंपनी को इस वर्ष के लिए अपनी वॉल्यूम वृद्धि के अनुमान को संशोधित करने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा, ‘अब हम बाजार के साथ तालमेल बनाकर वृद्धि करेंगे।’

डालमिया सीमेंट के अधिकारियों ने कहा ‘हम अपनी क्षमता और वॉल्यूम हिस्सेदारी को उद्योग की तुलना में तेजी से बढ़ाना चाहते हैं।’ हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि क्षमता वृद्धि की उपलब्धि में देरी हुई है।

First Published : August 16, 2024 | 10:46 PM IST