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निगरानी एजेंसियों को नियुक्त कर सकता है CCI

इन निगरानी एजेंसियों में लेखा फर्म, प्रबंधन परामर्शदाता या अन्य व्यावसायिक संगठन या चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी या लागत लेखाकार हो सकते हैं।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- September 18, 2024 | 11:11 PM IST

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) अपने फैसलों के लागू होने पर नजर रखने के लिए निगरानी एजेंसियों को नियुक्त कर सकता है। सामान्य विनियम 2024 के अनुसार विलय और अधिग्रहण, प्रतिबद्धता और निपटान से संबंधित फैसलों के लागू होने की ये एजेंसियां निगरानी कर सकती हैं। इन निगरानी एजेंसियों में लेखा फर्म, प्रबंधन परामर्शदाता या अन्य व्यावसायिक संगठन या चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी या लागत लेखाकार हो सकते हैं।

मंगलवार को जारी नए विनियम के अनुसार, ‘जब आयोग को लगता है कि अधिनियम की धारा 31 या धारा 48ए या धारा 48 बी या किसी अन्य प्रावधान के आधार पर पारित आदेशों के लागू होने की निगरानी करने की आवश्यकता है तो आयोग उपयुक्त शर्तों व स्थितियों के आधार पर क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए एजेंसी को नियुक्त कर सकता है।’

धारा 48 ए और 48 बी क्रमश: प्रतिबद्धता और निपटान से संबंधित हैं। धारा 31 विलय और अधिग्रहण के आदेशों से संबंधित है। संशोधित विनियमों के अनुसार निगरानी एजेंसियों को किसी भी गैर-कार्यान्वयन या गैर-अनुपालन के बारे में सीसीआई को सूचित करना होगा तथा गोपनीयता के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए समय-समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

विनियमों में कुछ सीमाओं का भी प्रावधान है – यदि कार्रवाई के कारण की तारीख से तीन वर्ष के भीतर कोई सूचना दी जाती है, तो उसके साथ विलंब के लिए माफी का आवेदन भी संलग्न करना होगा। सूचना की विषय-वस्तु को सत्यापित करने के लिए एक हलफनामा भी अनिवार्य है।

First Published : September 18, 2024 | 10:50 PM IST