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Cairn 5 साल में करेगी दोगुना निवेश, परियोजनाओं के विस्तार पर हर साल 1 अरब डॉलर पूंजीगत खर्च करेगी कंपनी

केयर्न ऑयल ऐंड गैस के CEO स्टीव मूर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में कंपनी देश भर में 12 परियोजनाएं शुरू करेगी और अपने भंडार तथा उत्पादन दोनों को बढ़ाएगी।

Last Updated- February 20, 2024 | 10:44 PM IST
Vedanta's Cairn Oil & Gas new CEO

केयर्न ऑयल ऐंड गैस अगले 5 साल तक हर साल करीब 1 अरब डॉलर का पूंजीगत निवेश करेगी। कंपनी अपनी 12 प्रमुख परियोजनाओं में उत्खनन के विस्तार पर ध्यान दे रही है और ज्यादातर पूंजी इस पर निवेश की जाएगी। हाल में संपन्न इंडिया एनर्जी वीक के दौरान केयर्न ऑयल ऐंड गैस के अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा था कि कंपनी पिछले 2-3 साल में सालाना 50 करोड़ डॉलर का पूंजीगत निवेश कर रही है, ऐसे में वह अब अपना निवेश दोगुना करने जा रही है।

केयर्न ऑयल ऐंड गैस के मुख्य वित्त अधिकारी हितेश वैद ने कहा, ‘पिछले 3-4 साल में हमने हर साल कम से कम 50 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। मगर 2-3 साल में हमने उत्खनन में ज्यादा कुछ नहीं किया है। अब हमारे पास काफी कुएं हैं, ऐसे में साल भर में 1 अरब डॉलर का निवेश ज्यादा नहीं है।’

वैद ने कहा कि कंपनी का सालाना पूंजीगत खर्च 2024 के अंत तक इस स्तर तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि केयर्न ने पहले भी इस स्तर का निवेश किया है। कंपनी निजी क्षेत्र की भारत की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक है और घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 25 फीसदी है।

केयर्न ऑयल ऐंड गैस के उन मुख्य कार्याधिकारी स्टीव मूर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में कंपनी देश भर में 12 परियोजनाएं शुरू करेगी और अपने भंडार तथा उत्पादन दोनों को बढ़ाएगी। इनमें राजस्थान में कामेश्वरी डीप और मंगला बाड़मेर हिल तेल क्षेत्र तथा शक्ति तेल क्षेत्र शामिल है। मूर ने कहा, ‘इसमें कुछ अनिश्चितताएं भी जुड़ी हैं मगर इन 12 परियोजनाओं से करीब 50,000 बैरल प्रतिदिन उत्पादन की उम्मीद है।’

मूर ने कहा, ‘हमारे पास ढेर सारी संपत्तियां हैं। हमें इनका लाभ उठाना है। लेकिन कंपनी के पास कई छोटे तेल-गैस क्षेत्र भी हैं। मगर इनका अभी पूरा मूल्यांकन नहीं किया गया है।’

मूर ने कहा कि कंपनी कामेश्वरी डीप फील्ड से शेल गैस निकालने की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो हम 20 साल के लिए प्रतिदिन 25 से 30 करोड़ स्टैंडर्ड घन फुट गैस का उत्पादन कर सकते हैं। यह काफी बड़ा क्षेत्र है। अगर इसमें उत्तर अमेरिकी तकनीक का उपयोग करते हैं तो हम वाणज्यिक दरों पर उत्पादन करने में सक्षम हो सकते हैं। मूर ने कहा, ‘यह क्षेत्र रुख बदलने वाला हो सकता है मगर इसमें अनिश्चितता भी जुड़ी हैं।’

इस बीच शक्ति इलाके में 4 से 5 क्षेत्र हैं जिनमें से प्रत्येक में 4 करोड़ बैरल तेल होने का अनुमान है। यहां से कंपनी तापीय तकनीक का उपयोग कर वाणिज्यिक स्तर पर प्रतिदिन 3,000 से 4,000 बैरल तेल निकाल सकती है।

केयर्न 41 खोजे गए ब्लॉकों के साथ भारत में सबसे बड़ी उत्खनन परियोजना चला रही है। पिछले हफ्ते बिज़नेस स्टैंडर्ड ने खबर प्रकाशित की थी कि केयर्न अगले महीने असम में अपने 4 ब्लॉकों की खुदाई शुरू करेगी। कंपनी सभी 4 हाइड्रोकार्बन ब्लॉकों में 10 कुएं खोदेगी। यह क्षेत्र असम-अरुणाचल और असम-नगालैंड सीमा पर स्थित है।

First Published - February 20, 2024 | 10:44 PM IST

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