एडटेक फर्म बैजूस की निवेशक प्रोसस ने आज कहा कि कंपनी के निवेशकों ने बैजूस की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में कंपनी के संस्थापक बैजू रवींद्रन को मुख्य कार्याधिकारी पद से हटाने सहित सभी प्रस्तावों को पारित कर दिया। कंपनी के प्रमुख निवेशकों ने यह ईजीएम बुलाई थी। उन्होंने कंपनी के निदेशक मंडल को बदलने और बैजू रवींद्रन की पत्नी और कंपनी की सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ तथा उनके भाई ऋजु रवींद्रन को बोर्ड से हटाने के प्रस्ताव को भी पारित कर दिया। रवींद्रन और उनका परिवार इस बैठक में शामिल नहीं हुआ।
हालांकि बैजूस ने कहा कि पारित प्रस्ताव अमान्य और बेमानी हैं। इसमें कहा गया है कि जिन प्रस्तावों को लागू नहीं किया जा सकता उसका पारित होना कानून के नियमों को चुनौती देना है।
प्रोसस ने कहा, ‘आज हुई असाधारण आम बैठक में शेयरधारकों ने सर्वसम्मति से सभी प्रस्तावों को पारित करने के लिए मतदान किया। इन प्रस्तावों में बैजूस में कारोबार संचालन में खामियां, वित्तीय कुप्रंधन तथा अनुपालन के मुद्दे शामिल थे। निदेशक मंडल के पुनर्गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई, इसलिए अब इस पर संस्थापक की थिंक ऐंड लर्न (बैजूस की प्रवर्तक कंपनी) का नियंत्रण नहीं होगा और कंपनी के नेतृत्व में भी बदलाव होगा।’
प्रोसस ने कहा, ‘शेयरधारकों और प्रमुख निवेशक के तौर पर हम ईजीएम बैठक और इसके निर्णय की वैधता को लेकर अपनी स्थिति के प्रति आश्वस्त हैं। अब इसे हम कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।’
निवेशकों से जुड़े सूत्रों के अनुसार 60 फीसदी से अधिक मतदान का अधिकार रखने वालों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। बैजूस के संस्थापकों के पास 23 से 25 फीसदी मताधिकार है।
रवींद्रन को हटाने और बोर्ड में बदलाव के लिए निवेशकों द्वारा बुलाई गई ईजीएम में काफी नाटकीय घटनाक्रम देखे गए। मामले के जानकार व्यक्ति के अनुसार दिन की शुरुआत में बैठक को बाधित करने के लिए फिशिंग हमले किए गए। उपस्थित लोगों को अज्ञात स्रोत से संदेश मिला कि बैठक रद्द कर दी गई है।
ईजीएम निर्धारित समय पर सुबह 9 बजे शुरू हुई। बैजू से सहानुभूति रखने वाले कई अनधिकृत व्यक्तियों ने बिना प्रक्रिया के बैठक में शामिल होने के लिए घुसपैठ की कोशिश की। बैठक को बाधित करने के लिए वह पीछे से सीटी बजा रहे थे और शोर मचा रहे थे।
एक व्यक्ति के अनुसार कुछ उपयोगकर्ताओं ने कहा, ‘हमें हमारे सीईओ बैजू सर की जरूरत है। ’ उन्होंने कहा कि कई अनजान शख्स भी नतालिया क्रूज, केविन पीटरसन और सर माइकल नाइट जैसे फर्जी नामों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का प्रयास किया।
बैजूस ने कहा कि किसी भी सूरत में ये प्रस्ताव केवल बोर्ड से बैठक में पारित सिफारिशों पर विचार करने का अनुरोध करते हैं। उनका कंपनी या उसकी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं पर कोई बाध्यकारी प्रभाव नहीं है।
कंपनी ने कहा, ‘इन प्रस्तावों में बैजूस अथवा उसके निदेशकों पर किसी तरह का दायित्व थोपने के लिए अधिकार नहीं है।’बैजूस ने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उसे अंतरिम राहत दी थी और साफ तौर पर कहा था कि बैठक के दौरान लिया गया कोई भी निर्णय अगली सुनवाई तक लागू नहीं होगा।