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वृद्धि की राह पर बढ़ रही बर्जर पेंट्स

कंपनी साल 2027 तक ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश की परियोजनाओं में तकरीबन 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

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ईशिता आयान दत्त   
Last Updated- February 10, 2025 | 10:03 PM IST

बर्जर पेंट्स इंडिया ने साल 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने के अपने इरादे की फिर से पुष्टि की, हालांकि उसने अभी अक्जो नोबेल के पेंट्स कारोबार के लिए बोली लगाने से दूरी बनाई बनाई हुई, जो फिलहाल दांव पर है। बर्जर पेंट्स इंडिया की चेयरमैन रिश्मा कौर ने कहा कि वृद्धि स्थिर रहेगी। उन्होंने कहा, ‘जहां भी हमारे पास बढ़ने की गुंजाइश होगी, हम बढ़ेंगे।’ उन्होंने कहा कि यह योजनाबद्ध, सोच-समझकर होगा ना कि बिना सोचे-समझे।

अक्जो नोबेल के संबंध में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बर्जर पेंट्स इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अ​भिजित रॉय ने कहा कि बोलियां आमंत्रित की गई हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने स्पष्टीकरण मांगा था। और हमने बोली नहीं लगाई है। फिलहाल हम इस दौड़ में नहीं हैं।’

उन्होंने कहा कि यह बोली पाउडर कोटिंग और अनुसंधान एवं विकास को छोड़कर अक्जो नोबेल के भारतीय परिचालन की समूची बिक्री के लिए थी। इसमें श्रीलंका और पाकिस्तान के परिचालन की पूरी बिक्री भी शामिल थी।

मीडिया की खबरों से इस बात का संकेत मिला है कि बोलियां बंद की जा चुकी हैं तथा कहा जा रहा है कि जेएसडब्ल्यू पेंट्स और पिडिलाइट होड़ में है। बर्जर द्वारा बोली न लगाने का एक कारण मूल्यांकन को बताया जा रहा है।

बर्जर के पास भविष्य के लिए पूंजीगत व्यय की बड़ी योजना है। वह साल 2027 तक ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश की परियोजनाओं में तकरीबन 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, ताकि क्षमता को प्रति माह 1.10 लाख टन से बढ़ाकर 1.42 लाख टन किया जा सके।

यह क्षमता विस्तार काफी हद तक देश के प्रदर्शन पर आधारित है। कौर ने कहा, ‘भारत बेहत स्थिति में है, हम इसे बढ़ता हुआ देख रहे हैं। सरकार के पास बुनियादी ढांचे में सुधार के वास्ते बड़ी योजनाएं हैं। जब विकास होता है, तो शहरीकरण होता और पेंटिंग की मांग होगी।’

उन्होंने कहा, ‘हमें बहुत उज्ज्वल भविष्य नजर आ रहा है, क्योंकि भारत का भविष्य उज्ज्वल है।’ रॉय ने कहा कि कंपनी पहले की तरह ही आगे भी बढ़ती रहेगी।

First Published : February 10, 2025 | 9:58 PM IST