facebookmetapixel
सरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगेबिहार में नीतीश–मोदी फैक्टर की धमक: भाजपा की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की राह में अब नहीं कोई बाधाबिहार चुनाव 2025: जदयू और भाजपा ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी, AIMIM को झटकाNDA के वादे और वित्तीय सीमाएं: ‘विकसित बिहार’ का सपना कितना संभव?सेबी 17 दिसंबर की बैठक में करेगा हितों के टकराव और खुलासा नियमों की सिफारिशों पर विचार

बायोकॉन ने पेश की प्री-फिल्ड सिरिंज

Last Updated- December 07, 2022 | 3:44 AM IST

बायोटेक्नोलॉजी खंड की बड़ी कंपनी बायोकॉन ने  किडनी और कैंसर के मरीजों की अपनी दवाई के लिए खास सिरिंज पेश की है।


सिरिंज लगाने में होने वाली दर्द को कम करने के लिए कंपनी ने प्री-फिल्ड सिरिंह पेश की हैं, जिनका नाम ‘एरिप्रो सेफ’ और ‘न्यूफिल सेफ’ है। कंपनी ने यह काम कैलिफोर्निया की सेफ्टी सिरिंजेस के गठजोड़ में किया है। सेफ्टी सिरिंजेस वेक्सीन और अन्य दवाओं के लिए सिरिंज बनाती है।

बायोकॉन की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने बताया कि प्री-फिल्ड सिरिंज खुद सिरिंज लगाने वालों, चिकित्सीय और अर्ध-चिकित्सीय कर्मियों के लिए बेहतर तरीका है। इस सिरिंज में खास यह है कि इसमें एक नीडल गार्ड होता है जो मरीज को सुई लगाने के एकदम बाद सक्रिय हो जाता है। इससे चोट की संभावनाओं को कम किया जा सकेगा। इससे सुई लगाने पर होने वाली दर्द की आशंकाओं को कम किया जा सकता है।

शॉ ने बताया कि प्री-फिल्ड सिरिंज भारत में नया कॉन्सेप्ट है। बायोकॉन का इरादा इस सिरिंज को किफायती दामों में उपलब्ध कराना है। एरिप्रो सेफ 2000 आईयू की कीमत 715 रुपये है, जबकि न्यूफिल सेफ की कीमत 1,975 रुपये है।

शॉ ने बताया कि किडनी के उपचार में लाई जाने वाली एरोथ्रोपोएटिन और कैंसर के मरीजों के लिए ग्रान्यूलोसाइट कोलोनी स्टिमुलेटिंग फैक्टर (जीसीएसएफ) को अन्य कंपनियां भी बनाती है, लेकिन यह पहला मौका है कि जब भारत में बायोकॉन ने इस तरह की सिरिंज पेश की है। बायोकॉन ने इस नई सिरिंज के अनुसंधान और विकास पर लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। गौरतलब है कि बायोकॉन का 75 करोड़ रुपये के एरिथ्रोपोइटिन बाजार में लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है।

First Published - June 5, 2008 | 2:27 AM IST

संबंधित पोस्ट