जेफ बेजोस के नेतृत्व वाली एमेजॉन और किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप के बीच मध्यस्थता कार्यवाही का अगला चरण जल्द ही सिंगापुर में शुरू होने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक सिंगापुर के वकील माइकल ह्वांग सिंगापुर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) में तीन सदस्यों वाले उस मध्यस्थता न्यायाधिकरण में शामिल हो गए हैं जो मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ फ्यूचर गु्रप के 3.4 अरब डॉलर के सौदे के संबंध में एमेजॉन और फ्यूचर ग्रुप के विवाद को देख रहा है।
इस न्यायाधिकरण के दो अन्य सदस्यों में अल्बर्ट वैन डेन बर्ग और जैन पॉलसन शामिल हैं जिन्हें क्रमश: एमेजॉन और फ्यूचर द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इस घटनाक्रम की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि इन तीनों को एसआईएसी द्वारा नियुक्त किया गया है। अब तीन सदस्यों वाले इस न्यायाधिकरण की स्थापना की जा चुकी है, मध्यस्थता प्रक्रिया वास्तव में अब शुरू होगी। यह पिछले साल के आपातकालीन मध्यस्थता के मूल्यों पर आधारित होगा।
माइकल ह्वांग वकील और मध्यस्थ के रूप में काम करते हैं। यह मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और बीच-बवाव पर केंद्रित हंै। वर्ष 1991 में उन्हें सिंगापुर के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया गया था। वर्तमान में वह सिंगापुर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) की उपयोगकर्ता परिषद तथा और हॉन्गकॉन्ग इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन सेंट (एचकेआईएसी) के परामर्श बोर्ड में हैं।
उद्योग के सूत्रों के अनुसार अल्बर्ट वैन डेन बर्ग बेल्जियम के ब्रसेल्स में हनोतियाउ ऐंड वैन डेन बर्ग में साझेदार हैं। वह अपने गहन ज्ञान और विशाल अनुभव के कारण वैश्विक मध्यस्थता क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं। सूत्रों के अनुसार जैन पॉलसन निवेश संधि और वाणिज्यिक मध्यस्थता कार्यवाही में विशेषज्ञता के लिए भी जाने जाते हैं।
एमेजॉन के प्रवक्ता ने मंगलवार शाम को कहा था कि एसआईएसी रजिस्ट्री ने पक्षों को सूचित किया है कि मध्यस्थ न्यायाधिकरण का गठन किया जा चुका है।
इस न्यायाधिकरण के गठन का यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब दिसंबर 2020 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने वैधानिक प्राधिकारियों को पत्र लिखकर एमेजॉन को रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर रिटेल के सौदे में हस्तक्षेप करने से रोकने से मना कर दिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल न्यायाधीश खंडपीठ द्वारा सुनाया गया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रथम दृष्टि में पाया था कि फ्यूचर रिटेल द्वारा दायर मुकदमा जारी रखे जाने योग्य है, इमरजेंसी अवार्ड वैध है और रिलायंस के साथ लेन-देन स्वीकृत करने वाला फ्यूचर रिटेल का प्रस्ताव भी मान्य है। अगस्त 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के साथ 3.4 अरब डॉलर की परिसंपत्ति बिक्री का सौदा किया था। एमेजॉन ने तब फ्यूचर को एक कानूनी नोटिस भेजा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि खुदरा विक्रेता के इस सौदे ने अमेरिका की इस ई-कॉमर्स दिग्गज के साथ एक समझौते का उल्लंघन किया है।