फ्यूचर रिटेल के खिलाफ ऋण वसूली ट्रिब्यूनल जाएंगे बैंक

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:36 PM IST

किशोर बियाणी के नियंत्रण वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल (एफआरएल) के लेनदार अपने ब्याज की रक्षा के लिए ऋण वसूली ट्रिब्यूनल (डीआरटी) के मुंबई पीठ की ओर रुख कर सकते हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फ्यूचर रिटेल के कुछ स्टोरों का अधिग्रहण कर लिया है और लेनदार नहीं चाहते हैं कि उकने बकाये के भुगतान से पहले किसी स्टोर का अधिग्रहण किया जाए।
ऋण वसूली ट्रिब्यूनल में आवेदन के लिए कागजात तैयार होने के करीब है और अगले सप्ताह ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की जा सकती है। इस मामले से अवगत दो बैंकरों ने यह जानकारी दी। बैंक ऑफ बड़ौदा इस संकटग्रस्त खुदरा कंपनी के खिलाफ सबसे पहले ऋण वसूली ट्रिब्यूनल में शिकायत करेगा।
लेनदारों के कंसोर्टियम के प्रमुख बैंक ने सरफेसी अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया है। जहां तक ऋण वसूली ट्रिब्यूनल में शिकायत करने का सवाल है तो कंसोर्टियम का कोई भी सदस्य कभी भी और कहीं भी ऋण वसूली ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर सकता है। बाद में अन्य सदस्य याचिका दायर करने वाले बैंक के साथ शामिल हो सकते हैं। बैंकर ने कहा कि ट्रिब्यूनल में दायर याचिका में बकाये की अदायगी, परिसंपत्तियों की बिक्री और गारंटी देने वालों के पासपोर्ट को जब्त करने की मांग की जाएगी। अब यह ट्रिब्यूनल पर निर्भर करेगा कि किस मांग पर सुनवाई करेगा और किस पर नहीं।
यह पूछे जाने पर कि क्या आरआईएल को भी पक्ष बनाया जाएगा तो निजी क्षेत्र के एक वरिष्ठ बैंकर ने कहा कि फोकस केवल फ्यूचर रिटेल पर होगा जो उधारकर्ता है। इसलिए कंसोर्टियम के पास आरआईएल को पक्ष बनाने का कोई आधार नहीं है।
फ्यूचर रिटेल गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है। कंपनी ने अपने ऋण अदायगी दायित्वों को पूरा करने में चूक की है और उसके खाते को बैंकों ने गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) श्रेणी में डाल दिया है। उन्होंने कंपनी के पास फंसे कर्ज के लिए प्रावधान पहले ही कर दिया है।

First Published : March 23, 2022 | 11:28 PM IST