एमेजॉन बेंगलूरु की फिनटेक फर्म एक्सियो का अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है। इससे ई-कॉमर्स दिग्गज को भारत में अपने ग्राहकों के लिए ऋण-आधारित पेशकशों का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी। सौदे के आकार और शेयरधारिता पैटर्न के बारे में पता नहीं चला है।
एक्सियो ने कंपनी ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘दिसंबर में जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद हमने एक्सियो के प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए एमेजॉन के साथ समझौता किया। इस सौदे के लिए अब जरूरी नियामकीय मंजूरियों की आवश्यकता होगी।’मार्केट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़े के अनुसार एमेजॉन ने 2016 से भारत में 9 कंपनियां खरीदी हैं। एमेजॉन के एक अधिकारी ने अपने बयान में कहा, ‘एक्सियो ने एमेजॉन के नियंत्रण के लिए आरबीआई के पास आवेदन किया है और मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। मंजूरी के बाद यह अधिग्रहण पूरा हो जाएगा।’
एक्सियो की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 2,200 करोड़ रुपये और सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) 3 फीसदी हैं। उसने 1 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को अपनी सेवाएं दी हैं। पिछले साल अगस्त में उसने ऋण योजनाओं के विस्तार के लिए ‘एमेजॉन संभव वेंचर फंड’ से 2 करोड़ डॉलर की इक्विटी फंडिंग जुटाई थी।
ट्रैक्सन के आंकड़े से पता चलता है कि एक्सियो ने कुल 23.2 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई। 2018 में उसने एमेजॉन और अन्य मौजूदा निवेशकों (रिबिट कैपिटल, सैफ पार्टनर्स, सिकोया समेत) से 2.2 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई थी। वर्ष 2017 में उसने कॉलेटरल फ्री क्रेडिट सुविधा के साथ ई-सेलरों को ऋण मुहैया कराने के लिए एमेजॉन के साथ भागीदारी की थी।
एक्सियो की सेवाओं में बाई नाउ पे लैटर, क्रेडिट और पर्सनल फाइनैंस मैनेजमेंट टूल्स मुख्य रूप से शामिल हैं। यह व्यवसायियों को ग्राहक जोड़ने और बिक्री का प्रबंधन करने में भी सक्षम बनाती है। गौरव हिंदुजा और शशांक ऋषिश्रृंगा ने 2013 में इस कंपनी की स्थापना की थी। इसे पहले कैपिटल फ्लोट के नाम से जाना जाता था।