एयर इंडिया एक्सप्रेस को मंगलवार से अभी तक करीब 91 उड़ान रद्द करनी पड़ी हैं और 102 उड़ान में देर हुई है। मामले के जानकार सूत्रों ने बताया कि एआईएक्स कनेक्ट (पहले एयर एशिया इंडिया नाम था) के समकक्षों की तुलना में कथित तौर पर ‘असमानता’ का विरोध कर कुछ केबिन क्रू सदस्यों द्वारा अंतिम समय में बीमार बता काम पर नहीं आने के कारण विमानन कंपनी के परिचालन पर असर पड़ा है।
दिल्ली के क्षेत्रीय श्रम आयुक्त अशोक पेरुमल्ला ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों की चिंता जायज है और विमानन कंपनी में ‘कुप्रबंधन’ और श्रम कानूनों का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन किया गया है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया की सहायक इकाइयां हैं और इनके विलय की प्रक्रिया चल रही है।
विस्तारा एयरलाइंस में कामकाज के घंटे और एयर इंडिया के साथ विलय के लिए नए वेतन पैकेज को लेकर असंतोष के बीच पायलटों के एक वर्ग द्वारा बीमारी की छुट्टी लेने के कारण कंपनी को अपनी 10 फीसदी उड़ान रद्द करनी पड़ी थी। इसके कुछ हफ्ते बाद एयर इंडिया एक्सप्रेस को भी इस तरह की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है।
टाटा समूह की विमानन कंपनियों में लगातार हो रही उथलपुथल ने सरकार के भीतर भी चिंता बढ़ा दी है। सूत्रों का कहना है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान रद्द होने के संबंध में एयर इंडिया एक्सप्रेस से रिपोर्ट मांगी है और समस्या का जल्द समाधान करने के लिए कहा है। कंपनी को डीजीसीए नियमों के मुताबिक यात्री सुविधाएं बनाए रखने का निर्देश भी दिया गया है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस में कई हफ्तों से कर्मचारियों में असंतोष की सुगबुगाहट देखी जा रही थी। मगर एयर इंडिया एक्सप्रेस इम्प्लॉयीज यूनियन द्वारा टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को 26 अप्रैल को पत्र लिखे जाने के बाद यह मामला उजगार हुआ।
पत्र में कहा गया था, ‘कर्मचारियों के साथ समान व्यवहार नहीं किया जा रहा है। वेतन, अनुभव और योग्यता की उपेक्षा की जा रही है। कंपनी के पदों पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर बाहर के लोगों को नियुक्त किया जा रहा है।’
यूनियन ने कहा कि कुप्रबंधन से कर्मचारियों के मनोबल पर असर पड़ा है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि विलय प्रक्रिया शुरू होने से पहले वेतन में शामिल कई भत्तों को खत्म कर दिया गया है। विमानन कंपनी के लगातार मुनाफा कमाने के बावजूद वेतन में कटौती की गई है।
दिल्ली के क्षेत्रीय श्रम आयुक्त अशोक पेरुमल्ला ने कहा था, ‘मानव संसाधन विभाग ने गलत जानकारी और कानूनी प्रावधानों की मूर्खतापूर्ण व्याख्या के साथ सुलह अधिकारी को गुमराह करने की कोशिश की। मेरा सुझाव है कि आप कर्मचारियों की शिकायतों और मानव संसाधन विभाग के कामकाज की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति भेजें और सौहार्दपूर्ण औद्योगिक संबंध बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द सुधार के उपाय करें।’ एयर इंडिया एक्सप्रेस रोजाना 230 और एआईएक्स कनेक्ट 150 उड़ान संचालित करती है।
सूत्रों ने कहा कि केबिन क्रू सदस्यों के एक वर्ग द्वारा अचानक बीमार बता छुट्टी पर चले जाने के कारण एयर इंडिया एक्सप्रेस को कम से कम 91 उड़ान रद्द करनी पड़ीं और 102 विमानों की उड़ान में देर हुई।
एयर इंडिया एक्सप्रेस के मुख्य कार्याधिकारी आलोक सिंह ने कहा, ‘यह कृत्य (100 से अधिक केबिन क्रू सदस्यों के अचानक सिक लीव लेना) निश्चित तौर पर कंपनी के 2,000 से अधिक केबिन क्रू सदस्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, जो अपने काम के कर्तव्य को पूरा करते हैं और पूरे समर्पण और गर्व के साथ हमारे मेहमानों की सेवा करते हैं।’
उन्होंने कहा कि सभी के लिए व्यावसायिक विकास के पर्याप्त अवसर होंगे क्योंकि यह क्षेत्र की सबसे बड़ी विमान कंपनियों में से एक बनने की राह पर है।
दिन में एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने कहा था, ‘अंतिम समय में हमारे केबिन क्रू के एक वर्ग द्वारा बीमारी की छुट्टी लेने के कारण मंगलवार रात से उड़ान में देरी हुई और कुछ उड़ान रद्द करनी पड़ी। हम केबिन क्रू के साथ बात कर रहे हैं और इस घटना के कारण का पता लगा रहे हैं। यात्रियों को होने वाली किसी भी असुविधा को कम करने के लिए हमारी टीमें सक्रियता से इस मुद्दे का समाधान कर रही हैं।’