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Adani Ports अगले दो साल में करेगा ₹30,000 करोड़ का निवेश

मुंद्रा, धमरा और विजिन्जम पोर्ट में होगा मुख्य निवेश, 2030 तक 1 बिलियन टन माल संभालने का लक्ष्य

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- September 17, 2025 | 10:38 AM IST

अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) अपने घरेलू ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए अगले दो साल में करीब ₹30,000 करोड़ का निवेश करने की योजना बना रहा है। यह निवेश मौजूदा वित्तीय वर्ष में अनुमानित ₹11,000–12,000 करोड़ से दोगुना होगा। इकॉनमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, निवेश का बड़ा हिस्सा गुजरात के मुंद्रा, ओडिशा के धमरा और केरल के विजिन्जम पोर्ट में लगाया जाएगा। APSEZ का लक्ष्य 2030 तक सालाना 1 बिलियन टन माल संभालना है। इसमें से 850 मिलियन टन भारत के पोर्ट्स से और बाकी 140–150 मिलियन टन उसके विदेशी पोर्ट्स से आएगा।

FY26 निवेश योजना:

APSEZ की सितंबर प्रेजेंटेशन के अनुसार, FY26 में निवेश इस तरह बंटेगा:

पोर्ट्स: ₹6,500–7,000 करोड़

लॉजिस्टिक्स: ₹2,300 करोड़

रिन्यूएबल्स: ₹1,500 करोड़

मरीन सर्विसेज़: ₹700–800 करोड़

अतिरिक्त ₹30,000 करोड़ का खर्च मुख्य रूप से मुंद्रा और धमरा पोर्ट्स में बर्थ और टर्मिनल बढ़ाने और विजिन्जम ट्रांसशिपमेंट हब को और बड़ा करने में किया जाएगा। विजिन्जम हब ने लॉन्च के नौ महीने में ही 1 मिलियन TEU से ज्यादा कंटेनर हैंडल कर लिए हैं। FY25 के अंत तक, APSEZ के पास भारत के 15 पोर्ट्स और टर्मिनल थे, जिनकी कुल क्षमता 633 मिलियन टन माल संभालने की थी। इस दौरान उसने 450 मिलियन टन माल हैंडल किया। इसका मतलब है कि भारत में पोर्ट्स द्वारा कुल माल के लगभग 27% का हिस्सा APSEZ ने संभाला।

मुंद्रा पोर्ट पर रूसी तेल के लिए प्रतिबंधित टैंकर आया

सोमवार को एक प्रतिबंधित तेल टैंकर Spartan, जो रूसी क्रूड तेल ले जा रहा था, मुंद्रा पोर्ट के पास आया। यह टैंकर HPCL-Mittal Energy Ltd (HMEL) के लिए तेल उतारने वाला था। Spartan पर यूके और यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध लगाया था। APSEZ ने 11 सितंबर से सभी पश्चिमी प्रतिबंधित टैंकरों को अपने पोर्ट्स में प्रवेश से रोक दिया था। इसी दौरान एक और प्रतिबंधित टैंकर Noble Walker ने मुंद्रा की बजाय वडिनार पोर्ट का रुख किया। पिछले आठ महीनों में, मुंद्रा पोर्ट ने रोजाना करीब 1,80,000 बैरल रूसी क्रूड तेल हैंडल किया। अदाणी ग्रुप ने बताया, रोक तत्काल लागू हुई, लेकिन रास्ते में जा रहे जहाजों पर यह लागू नहीं होती।

भारत के रूसी तेल खरीदी पर बढ़ती निगरानी

भारत द्वारा रूसी तेल खरीद पर अमेरिका ने नजर रखी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया है, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया। इसका उद्देश्य रूस पर दबाव डालना और भारत को रूसी तेल की खरीद घटाने के लिए प्रेरित करना है।

First Published : September 17, 2025 | 10:16 AM IST