प्रतीकात्मक तस्वीर
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और इस दौरान तुर्किए द्वारा पाकिस्तान के समर्थन के विरोध में देशभर में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में फल व्यापारियों ने तुर्किए से सेब के आयात को पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है। व्यापारी न सिर्फ तुर्किए से सेब मंगाने से इनकार कर रहे हैं, बल्कि कोल्ड स्टोरेज में भी ऐसे फल रखने से मना कर रहे हैं।
तुर्किए लंबे समय से भारत का एक प्रमुख सेब निर्यातक रहा है, लेकिन अब व्यापारियों का कहना है कि देशहित सर्वोपरि है, और जो देश भारत विरोधी रुख अपनाते हैं, उनसे व्यापार नहीं किया जाएगा।
फल व्यापारी परवेश कुमार ने बताया, “पहले तुर्किए से सेब बहुत आते थे, डिमांड भी थी। लेकिन अब पीछे से ही आना बंद हो गया है। तुर्किए ने पाकिस्तान का साथ दिया, यही कारण है कि उसका बहिष्कार हो रहा है, और ये अच्छी बात है।”
एक अन्य व्यापारी शबीर अहमद ने कहा, “इंडिया में तुर्किए के सेब की अच्छी डिमांड थी, लेकिन अब उसे कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के लोकल सेब से रिप्लेस किया जा सकता है। थोड़ा क्वालिटी फर्क जरूर होगा, लेकिन पूरी पूर्ति हो जाएगी।”
कोल्ड स्टोर ऑपरेटर तरुण गौतम ने बताया, “हमने पहले ही ग्राहकों को बता दिया है कि तुर्किए का सामान अब स्टोर में नहीं रखा जाएगा। सिर्फ कैलिफोर्निया, साउथ अफ्रीका जैसे देशों से आया इंपोर्टेड माल ही स्वीकार करेंगे।”
व्यापारी मिथुन ने स्पष्ट कहा, “इंडिया में सेब की कोई कमी नहीं है। हिमाचल और कश्मीर में बहुत उत्पादन है। अगर तुर्किए से सेब नहीं भी आए, तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम अपने देश के साथ हैं। देश सर्वोपरि है।”
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इस बहिष्कार का असर केवल फलों तक सीमित नहीं है। संगमरमर और आभूषण व्यापार से जुड़े कारोबारी भी तुर्किए से सामान मंगाने से इनकार कर रहे हैं।
यहां तक कि ईजमाईट्रिप और आईक्सिगो जैसे ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म ने भी तुर्किए की यात्रा करने से बचने की सलाह दी है।
पाकिस्तान के पक्ष में बयान देकर तुर्किए ने भारतीय जनभावनाओं को ठेस पहुंचाई है। अब देशभर में व्यापारी वर्ग से लेकर आम जनता तक यह संदेश स्पष्ट है — जो भारत के साथ नहीं, उसके साथ व्यापार भी नहीं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)