इस बार विदेश से कम मंगानी होगी दाल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 9:39 AM IST

चालू रबी सीजन के दौरान दलहन का रकबा बढ़ने और चना के रकबे में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की खबरों ने इस बार आयात पर निर्भरता कम होने की उम्मीद जगा दी है।


चना उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों से हल्की बारिश होने के कारण चना की मौजूदा फसल काफी जोरदार दिखाई देने लगी है।

चालू सीजन में दलहन की कुल बुआई क्षेत्र में 14 फीसदी और चने के बुआई क्षेत्र में 16 फीसदी से ज्यादा की वृदि होने के साथ ही साथ अभी तक दलहन के लिए मौसम का मिजाज भी ठीक होने के वजह से दलहन के कुल उत्पादन में 20 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।

देश में पैदा होने वाले कुल दलहन में 60 फीसदी हिस्सेदारी चना और अरहर की रहती है। ये दोनों फसल मुख्यत: रबी सीजन की है। पिछले कुछ सालों से दलहन का उत्पादन आशानुरूप न होने की वजह इन दोनों फसलों की पैदावार में बढ़ोत्तरी न के बराबर होना माना जा रहा है।

चना की पैदावार 2005 में 54.7 लाख टन थी जो तीन वर्षो के दौरान सिर्फ 13.35 फीसदी बढ़कर 2008 में 6.20 मीट्रिक टन हुआ था। यही हाल अरहर का रहा है। 2005 में अरहर का उत्पादन 23.5 लाख टन था और तीन साल बाद 2008 में 29.0 लाख टन उत्पादन हो सका।

दलहन की प्रमुख फसलों में उत्पादन कम होने की वजह से विदेशों की ओर देश को साल दर साल ज्यादा झाकना पड़ता है। लेकिन कृषि मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस बार रबी सीजन में दलहन की बुआई पिछले साल के 95.50 लाख हेक्टेयर से इस बार 14.23 फीसदी बढ़ाकर 109.09 लाख हेक्टेयर में की गई है।

इस सीजन की प्रमुख दलहन फसल चना के बुवाई में रिकॉर्ड 16.03 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। इस बार चना की बुवाई 71.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हुई है जबकि पिछले साल यह एरिया 61.25 लाख हेक्टेयर ही था।

पल्सेस इंपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के सी भरतीया के अनुसार पिछले कुछ सालों से दलहन की पैदावार में वृध्दि आशानुरुप नहीं हुई है। साल दर साल देश में दलहन की मांग भी बढ़ती जा रही है जिसकी मुख्य वजह बढ़ती जनसंख्या को मानते हैं।

इस समय हमारी जरूरत का 15 फीसदी हिस्सा आयात से पूरा किया जाता है। जिस तरह की अभी तक खबरें आ रही है अगर ये ऐसी ही रही तो इस बार आयात में कमी होना तय है।

हांलाकि अभी से अनुमान लगाना थोड़ा जल्दबाजी होगी, क्योंकि खेती का खेल मौसम पर आधारित रहता है। भारत में आयात की जाने वाली दलहन में 50 फीसदी कनाडा से आता है और म्यांमार से मांग के चौथाई हिस्से की पूर्ति की जाती है।

First Published : December 26, 2008 | 9:36 PM IST