पिछले छह माह से आलू, रबड़, चना तथा सोया तेल में वायदा कारोबार पर लगा प्रतिबंध 30 नवंबर को खत्म हो गया।
लिहाजा यह इसी सप्ताह एक बार फिर शुरू हो जाएगा। वायदा बाजार आयोग के अध्यक्ष बी.सी. खटुआ ने इसकी जानकारी दी। सरकार ने तत्कालीन सरकार को समर्थन दे रहे वामदलों के दबाव के चलते इन चार उत्पादों के वायदा कारोबार को 6 मई से चार माह के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
इस प्रतिबंध को बाद में 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था। वामदलों का आरोप था कि वायदा कारोबार के कारण इन जिंसों के भाव बढ़ रहे हैं। खटुआ ने बताया कि नियामक को इस प्रतिबंध को आगे बढ़ाने के बारे में सरकार से कोई सूचना नहीं मिली है।
खटुआ ने कहा कि अनुबंध आदि का फैसला करने में कुछ दिन लगेंगे, जिसके बाद कारोबार बहाल करने की अनुमति दी जाएगी।
आयोग इस बारे में शीघ्र ही एक सूचना जारी करेगा। प्रमुख जिंस एक्सचेंज एनएमसीई ने इन चार जिंसों में वायदा अनुबंध शुरू करने के लिए पहले ही आवेदन कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि एनसीडीईएक्स तथा एमसीएक्स भी इस प्रक्रिया में हैं। आलू का कारोबार मुख्यत: एमसीएक्स में होता है जबकि चना तथा सोया तेल के सौदे एनसीडीईएक्स और रबड़ के सौदे एनएमसीई में प्रमुख रूप से होते हैं।
इस हफ्ते शुरू होगा आलू, रबड़, चना और सोया का वायदा कारोबार