देश में अनलॉक 3.0 के शुरू होने तथा कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या लगभग स्थिर होने के बीच सूरत का हीरा कारोबार एक बार फिर वापसी कर रहा है। सरकारी अधिकारियों ने अब किसी भी स्टोर की प्रत्येक टेबल पर एक कर्मचारी को रखने की अनुमति दे दी है। इससे सूरत के हीरा पॉलिशिंग कारोबार ने एक बार फिर कारोबार शुरू कर दिया है। दुनिया में सबसे बड़ा हीरा पॉलिशिंग हब कोविड-19 महामारी के चलते लडख़ड़ा गया है। हालांकि अनलॉक 1.0 के साथ और दिशा-निर्देशों में ढील देने के साथ उद्योगों को खोलने से दुनिया के 10 में से नौ तरह के खुरदुरे हीरों को चमकाने वाला सूरत हीरा उद्योग काम करने लगा था। हालांकि जल्द ही शहर में कोरोना के मामलों में तेजी आने तथा कैटारगाम एवं वरछा जैसे शीर्ष हीरा चमकाने वाले समूहों में कोरोना संक्रमण फैलने से कई इकाइयों को फिर से बंद कर दिया गया। उदाहरण के लिए, कटारगाम एवं वरछा के 1700 हीरे चमकाने वाले श्रमिक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं करने के लिए कई इकाइयों को सूरत नगर निगम (एसएमसी) द्वारा दंडित किया गया था। हालांकि, रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवडिया के अनुसार, नगर निगम के आयुक्त एवं सूरत शहर के महापौर सहित सरकारी अधिकारियों ने नियमों में कुछ ढील दी है जिससे अब हीरा कारोबारी उत्पादन इकाइयों को फिर से शुरू कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, संचालन के घंटे की संख्या चार घंटे से बढ़ाकर छह घंटे कर दी गई है। नवडिया ने कहा, ‘दोपहर 2 बजे से 6 बजे के बीच संचालन की अनुमति के पिछले आदेश के बजाय अब इकाइयां दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे के बीच संचालित की जा सकती हैं।’ लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह कारोबार बंद रहने के कारण सूरत के हीरा कारोबारी धीरे धीरे पहले से लंबित पड़े ऑर्डरों को पूरा करने में लग गए हैं और मामूली स्तर पर आयात भी हुआ है। जून में, पहले हॉन्गकॉन्ग और फिर अमेरिका और यूरोप जैसे अन्य बाजारों के साथ निर्यात शुरू हुआ। इसके साथ, हीरा पॉलिश करने वाली इकाइयों के मालिकों तथा व्यापारियों को मौजूदा ऑर्डरों के पूरा होने तथा नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद थी। नई आपूर्ति से पहले सूरत के हीरा उद्योग को लगभग 2 अरब डॉलर से अधिक के कच्चे माल को पॉलिश करके बाजार में निकालना होगा। वास्तव में, उद्योग ने मौजूदा माल को समाप्त करने के लिए मोटे तौर पर अपरिष्कृत हीरे के आयात पर स्वैच्छिक प्रतिबंध का विकल्प चुना था। जून 2019 में 6,700 करोड़ रुपये से अधिक के अपरिष्कृत हीरे आयात किए गए, जबकि मई 2020 में लगभग 610 करोड़ रुपये कीमत के अपरिष्कृत हीरे आयात किए गए थे। अब कोरोना के दैनिक सक्रिय मामलों में सूरत ने अहमदाबाद को पीछे छोड़ दिया है जिसके चलते उद्योगों ने श्रमिकों की सुरक्षा के लिए स्वेच्छा से इकाइयों को बंद करने और कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने का फैसला किया था। भले ही दोबारा गतिविधियां शुरू करने पर 50 प्रतिशत कार्यबल को मंजूरी दी गई हो लेकिन हीरा तराशने के काम पर एमरी व्हील या टेबल पर एक ही कर्मी को बैठने की अनुमति थी। सामान्य परिस्थितियों में यह संख्या चार होती थी। उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अभी भी इकाइयां सामाजिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए पॉलिशिंग के लिए शिफ्ट में परिचालन कर रही हैं।
