देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक बुलाई थी। मगर यह बैठक एक अलग ही विषय के लिए चर्चा में है। इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने बुधवार को कहा कि कुछ राज्य पेट्रोल-डीजल पर मूल्य वद्र्धित कर (वैट) कम करने के लिए राजी नहीं हैं। उन्होंने इन राज्यों का नाम लेने से भी गुरेज नहीं किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र ने नवंबर में उत्पाद शुल्क में कमी की थी मगर राज्यों ने इसका फायदा लोगों को नहीं दिया जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ राज्यों ने ईंधन पर शुल्कों में कमी की मगर कुछ राज्यों ने एसा नहीं किया। इस वजह से देश के कुछ राज्यों में पेट्रोल एवं डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी देखी जा ही है। ये राज्य अपने लोगों के साथ अन्याय कर रहे हैं और इसका असर पड़़ोसी राज्यों पर भी हो रहा है।’
मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, झारखंड ने वैट में कमी नहीं की जबकि केंद्र ने नवंबर में उत्पाद शुल्क घटाया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र के पास जमा राजस्व का 42 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को चला जाता है। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा वैश्विक संकट के बीच मैं सभी राज्यों से एक टीम के रूप में काम करने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि गुजरात जैसे राज्यों ने लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल-डीजल पर वैट कम कर दिया।
देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उभरती परिस्थिति पर मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि वह महामारी से इतर एक अलग विषय उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह विषय वैश्विक स्थिति की वजह से चुनौतियों का सामना कर रहे आम लोगों से जुड़ा है।’ प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘जो युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है, उससे आपूर्ति शृंखला प्रभावित हुई है और ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।’ मोदी ने कहा, ‘यह वैश्विक संकट अनेक चुनौतियां लेकर आ रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाना अनिवार्य हो गया है।’