कच्चे तेल की कीमतें घट कर 30 डॉलर प्रति बैरल के नीचे पहुंचने का प्रभाव पॉलियेस्टर धागे और सूरत के कपड़ों पर साफ देखा जा सहा है।
प्रतिस्पध्र्दा में डटे रहने के खयाल से इस उद्योग को धागे की कीमतों में 30 प्रतिशत की कटौती करनी होगी।
पहले जहां पॉलियेस्टर धागे की कीमत 120 से 130 रुपये प्रति मीटर हुआ करती थी वहीं यह घट कर 80 से 90 रुपये प्रति मीटर हो चुकी है और आने वाले दिनों में इसमें और गिरावट आ सकती है।
सूरत टेक्स्टाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव देवकिशन मंघानी ने कहा, ‘कई विनिर्माण और प्रसंस्करण इकाइयों ने कीमतों को घटाने की शुरुआत कर दी है।
प्रतिस्पध्र्दा के कारण जनवरी 2009 तक इसकी कीमतों में और अधिक कमी होने की संभावना है। इससे हमारे लाभ पर 30 से 40 प्रतिशत का अतिरिक्त प्रभाव पड़ने जा रहा है।’
सूरत का धागा उद्योग एक दिन में 3 करोड़ मीटर पॉलियेस्टर के कपड़े बनाता है। धागे की कीमतों में 30 प्रतिशत की कमी होने के साथ ही उद्योग को यह अंदेशा है कि बॉटमलाइन पर इसका खासा असर होगा। हालांकि, ओलंपिक के दौरान यह उद्योग कच्चे माल की कीमतें अधिक होने के कारण दबाव में था।
मंघानी के अनुसार, डाई और रसायनों की कीमतों में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी और कुछ मामलों में तो यह वृध्दि 100 प्रतिशत तक थी। उन्होंने कहा, ‘ओलंपिक के बाद कुछ रसायनों की कीमतों में कम से कम 50 प्रतिशत की कमी आई थी।’
इसके अतिरिक्त जनवरी 2009 तक इस उद्योग में छंटनी की संभावना भी बन रही है। मंघानी ने कहा, ‘ऑर्डर की संख्या में कमी को देखते हुए इकाइयां कर्मचारियों की छंटनी करने पर विचार कर रही हैं। उत्पादन भी अधिक होने की संभावना नहीं है।’