पलक्कड में ऑर्गेनिक प्रयोगशाला

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 2:01 AM IST

पोब्स ऑर्गेनिक एस्टेट ने केरल के पलक्कड जिले के नेलियमपट्टी में अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित एक प्रयोगशाला स्थापित किया है, जहां पूरे साल जैविक उत्पादों को तैयार किया जाएगा।


2.5 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए इस कॉम्पलेक्स की शुरुआत अगले साल जनवरी से होगी। पोब्स निदेशक जैकब अब्राहम ने बताया कि इस प्रयोगशाला की शुरुआत होने से गुणवत्तापूर्ण जैविक उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। इससे निर्यात मानदंडों पर खरा उतरने लायक जैविक उत्पाद तैयार किए जा सकेंगे।

प्रयोगशाला में एजोस्पाइरिलम, एजोटोबेक्टर, राइजोबियम, फॉस्फोरस घुला सकने वाले सूक्ष्म जीवाणु और जैव नियंत्रक एजेंटों जैसे ट्राइकोडर्मा, स्यूडोमोनास और जैव पीड़कनाशी जैसे ब्यूवेरिया, वर्टिसाइलम एवं मेटरहाइजियम जैसे उत्पादों को तैयार किया जाएगा। प्रयोगशाला का सबसे महत्वपूर्ण दायित्व संस्था को जैविक कृषि प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित करना है।

अब्राहम के मुताबिक, यह प्रयोगशाला जैविक खेती करने या करवाने वाली विभिन्न संस्थाओं में कार्यरत लोगों को मौलिक से लेकर उच्चस्तरीय जानकारी तक मुहैया कराएगा। जैव खादों, जैव उर्वरकों, जैव नियंत्रक एजेंटों और जैव पीड़कनाशियों के उत्पादन के अलावा प्रयोगशाला जैविक खेती के लिए जरूरी जैव उर्वरकों और जैव पीड़कनाशियों का उत्पादन और संवर्द्धन भी करेगा। सूक्ष्मजैविक जैव-विविधता का अध्ययन करना भी इसकी प्राथमिकता सूची में है।

अब्राहम ने बताया कि प्रयोगशाला सूक्ष्मजैविक जैव-उर्वरकों के उच्चस्तरीय विश्लेषण करने की भी कोशिश करेगा। किसानों को प्रशिक्षित करने में संस्थान की उपयोगिता की जांच भी की जाएगी। इन जैव उत्पादों के फसल उत्पादन और इसकी गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव को यह प्रयोगशाला अपनी पहली प्राथमिकता पर रखेगा।

प्रयोगशाला में इसकी सुविधाओं की जाएंगी और इसके लिए केंद्र और राज्य की फंडिंग एजेंसियों जैसे जैव तकनीक विभाग एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की अनुमति लेनी होगी। इस प्रयोगशाला कॉम्पलेक्स की शुरुआत तब हो रही है जब जैव खेती को पूरे विश्व में पहचान मिल रही है। विभिन्न जैव उत्पादों के उत्पादन में करीब 150 देश अब तक उतर चुके हैं।

नेलियमपट्टी में मौजूद इस जैविक एस्टेट को अंतरराष्ट्रीय जैविक प्रमाणन एजेंसियों ने दुनिया का सबसे बड़ा सदाबहार फसल उद्यान माना है। जहां से जैविक काली मिर्च, उजली मिर्च, इलायची और वनिला का उत्पादन, संवर्द्धन और निर्यात किया जाता है। इस एस्टेट को आईएसओ 9001-2000 एचएसीसीपी प्रमाणपत्र भी हासिल है।

First Published : October 31, 2008 | 10:23 PM IST