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Onion price: सरकारी प्रयासों के बावजूद नहीं सुधरे प्याज के भाव

किसानों को अभी भी प्याज के दाम लागत से कम मिल रहे हैं

Published by
रामवीर सिंह गुर्जर
Last Updated- March 15, 2023 | 2:30 PM IST

प्याज के दाम किसानों के आंसू निकाल रहे हैं। सरकार ने किसानों के आंसू पोंछने के लिए कुछ कदम जैसे 300 रुपये की सब्सिडी और नेफेड के माध्यम से सरकारी खरीद उठाए हैं। लेकिन सरकार के इन प्रयासों के बावजूद अभी तक प्याज की कीमतों में सुधार देखने को नहीं मिला है। किसानों को अभी भी प्याज के दाम लागत से कम मिल रहे हैं।

किसानों को प्याज के ज्यादा दाम दिलाने में सरकारी प्रयास बेअसर
महाराष्ट्र सरकार ने दो दिन पहले किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल सब्सिडी देने का ऐलान किया है। इसके बावजूद मंडियों में प्याज के दाम नहीं सुधरे हैं। मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज 300 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। हालांकि ज्यादातर प्याज 700 से 900 रुपये क्विंटल के भाव पर बिक रहा है। किसानों को सब्सिडी की घोषणा के बाद प्याज की कीमतों में सुधार नहीं हुआ है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज 500 से 1,350 रुपये क्विंटल बिक रहा है। केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह  National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Ltd.(NAFED)  को गुजरात में प्याज खरीदने के निर्देश दिए हैं। गुजरात की गोंडल मंडी में प्याज 300 से 1,100 रुपये क्विंटल बिक रहा है। Nafed की खरीद के बावजूद प्याज की कीमतों में इजाफा नहीं हुआ है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक इस समय देश भर के खुदरा बाजारों में प्याज की औसत कीमत 23.67 रुपये किलो है। इस माह की एक तारीख को यह कीमत 24.05 रुपये किलो थी। पिछले साल इन दिनों देश भर में प्याज औसत खुदरा कीमत करीब 32 रुपये किलो थी।

किसानों ने सरकारी प्रसायों को नाकाफी बताया
भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे कहते हैं कि प्याज की लागत 12 से 15 रुपये किलो है, जबकि इस समय दाम 7 से 9 रुपये किलो मिल रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने 300 रुपये की सब्सिडी का ऐलान किया है। इसके बाद भी किसानों की लागत नहीं निकलेगी। मुनाफा होना तो दूर की बात है। इसलिए इस सब्सिडी के माध्यम से प्याज के दाम सुधारने का सरकारी प्रयास अब तक बेअसर साबित हो रहा है। सरकार को कम से कम 600 रुपये सब्सिडी देनी चाहिए। Nafed  द्वारा प्याज की खरीद का भी इसकी कीमतों पर कोई असर नहीं होता दिख रहा है। गाढवे कहते हैं कि Nafed ने पिछले साल करीब 2.50 लाख  टन  प्याज खरीदा था। इस साल भी इतना ही या इससे कुछ ज्यादा प्याज खरीद सकता है। लेकिन 2.5 से 3 लाख टन प्याज की सरकारी खरीद इसके रिकॉर्ड उत्पादन करीब 320 लाख टन की तुलना में काफी कम है। आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी राजेंद्र शर्मा कहते हैं कि अभी मंडियों में ज्यादातर गीला प्याज आ रहा है। Nafed द्वारा खरीद लायक प्याज अगले महीने आ पाएगा। पैदावार काफी ज्यादा है इसलिए किसानों को प्याज के ज्यादा दाम दिलाने के सरकारी प्रयासों का फिलहाल असर नहीं दिख रहा है। किसानों द्वारा प्याज की आवक बहुत ज्यादा घटाने पर ही प्याज के दाम सुधर सकते हैं वरना दाम और गिरने की संभावना है।

First Published : March 15, 2023 | 2:16 PM IST