अब भी रुला रहा है प्याज

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:21 AM IST

आने वाले रबी के मौसम में प्याज की बंपर फसल के चलते कीमतों में नरमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य(एमईपी)पर 40 डॉलर की कमी भले ही कर दी हो।
लेकिन सरकार को शायद यह अंदाजा नहीं है कि आज भी मंडियों में प्याज की थोक कीमत, पिछले साल के अप्रैल महीने की तुलना में 50 से 80 फीसदी ज्यादा है। कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) और राष्ट्रीय अनुसंधान एंव बागवानी अनुसंधान (एनएचआरडीएफ ) के आंकड़ों को देखे तो यह बात साफ तौर पता चल जाती है कि इस समय घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें जहां 800-1000 रुपये प्रति क्विंटल के दर पर है।
वहीं इसी दौरान पिछले साल प्याज की कीमतें 350-500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर थी। ये आंकड़े साफ बताते हैं कि पिछले छह महीने में केन्द्र सरकार की ओर से प्याज की कीमतों में कमी करने के लिए उठाए गये कदम नाकाफी रहे है। वैसे केन्द्र सरकार प्याज की कीमतों में आ रही कमी को लेकर पूरी तरह आश्वसत है।
नेफेड के प्रवक्ता का कहना है कि ‘2 मार्च को महाराष्ट्र के लासलगांव स्थित प्याज की सबसे बड़ी मंडी में कीमतें जहां 901 रुपये प्रति क्विंटल थी, वहीं 30 अप्रैल को यह 450 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है। इसी के चलते हमने प्याज की शिपमेंट को बढ़ाने के लिए एमईपी में 40 डॉलर की कमी भी की है।’ 
इस बाबत आजादपुर मंडी के पोटेटो ऐंड ओनियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव राजेन्द्र शर्मा बताते है कि हां प्याज की कीमतें आज भी पिछले साल के इसी समय के मुकाबले ज्यादा रही है।

First Published : May 4, 2009 | 1:41 PM IST