खटुआ ने जताई वायदा पर लगी पाबंदी समाप्त होने की उम्मीद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 2:45 AM IST

वायदा बाजार आयोग के अध्यक्ष बी. सी. खटुआ ने एक बार फिर कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर लगी पाबंदी को गलत बताते हुए इस पाबंदी के जल्द ही समाप्त होने की उम्मीद जताई है।


नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) द्वारा दालों के ऑनलाइन कारोबार शुरू किए जाने के मौके पर खटुआ ने यह उम्मीद जताई। एनएसईएल ने पल्सेस इंपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीआईए) के साथ करार भी किया है, जिसके तहत पीआईए के सदस्यों को ऑनलाइन भाव आदि मिल पाएगा।

खटुआ ने कहा कि अनुसार पिछले कुछ महीनों में दालों की कीमतों बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अन्य प्रतिबंधित जिंसों के दामों में कोई खास फर्क नहीं देखने को मिला है। उन्होंने कहा है कि इससे साबित होता है कि महंगाई के लिए वायदा बाजार जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि स्पॉट मार्केट में ऑनलाइन कारोबार की शुरुआत से दालों के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।

खटुआ ने कहा कि हाजिर और वायदा बाजार के दो पहलू हैं, किसी एक पर प्रतिबंध और एक पर कारोबार चालू रहने से बाजार का समुचित विकास नहीं हो सकता। प्रतिबंध हटाने के लिए सरकार से क्या बात चल रही है, इस सवाल को खटुआ यह कह कर टाल गए कि अभी काफी समय है, वक्त आने पर सही तस्वीर का पता चलेगा।

गौरतलब है कि महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से सरकार ने इसी साल जनवरी में चावल, गेहूं, उड़द और अरहर के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन चार जिंसों पर प्रतिबंध के बावजूद महंगाई दर में कोई फर्क न आने और काफी हो हल्ला के चलते सरकार ने मई महीने में चार और जिंसों के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी।

मई में प्रतिबंधित किए गए रबर, चना, सोया तेल और आलू के वायदा कारोबार में रोक शुरू में चार महीने के लिए लगाई गई थी, लेकिन बाद में सरकार ने उसे बढ़ाकर 30 नवंबर 2008 तक कर दिया।

गौरतलब है कि चना, सोया तेल, आलू और रबर के वायदा कारोबार में रोक से औसतन प्रतिदिन करीब एक हजार करोड़ रुपये के कारोबार को नुकसान झेलना पडा है, जबकि चार अन्य जिंस चावल, गेहूं, उड़द और अरहर पर रोक लगने से लगभग प्रतिदिन 1500 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2006-07 में जिन कृषि जिंसों का कुल कारोबार 13 लाख करोड़ रुपये था, उसका इस साल 6.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचना मुश्किल लग रहा है।

एनसीईएल के एमडी अंजनि सिन्हा ने कहा कि दालों के अनुबंध कारोबारियों को जोखिम प्रबंधन साधन उपलब्ध कराने के हिसाब से तैयार किए गए हैं। दालों के अनुंबध टी +7 आधार पर कारोबार के लिए उपलब्ध होंगे। इनमें डिलिवरी अनिवार्य होगी।

लॉट साइज 10 मीट्रिक टन का होगा। इन कृषि जिंसों में सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक और शनिवार को सुबह 10 बजे से दोपहर को 2 बजे तक कारोबार होगा। गैर कृषि जिंसों में सुबह 10 बजे से रात 11.30 बजे तक कारोबार होगा।

First Published : November 9, 2008 | 11:09 PM IST