देश में चीन से आयातित लहसुन को लोगों और खेती के लिए खतरनाक बताते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को इसकी खेप नष्ट करने का आदेश दिया है।
न्यायालय ने साफ कहा कि यदि इस लहसुन को नष्ट न किया गया तो लोगों और खेती को काफी नुकसान पहुंचेगा। कस्टम अधिकारियों का निर्देश दिया गया है कि वो गोदामों से माल उठाकर जला दें।
जबकि इसका नुकसान आयातक फर्म एक्जिम रजती इंडिया लिमिटेड को उठाना पड़ेगा। इससे पहले मुंबई उच्च न्यायालय का आदेश था कि बाजार में उतारने से पहले सभी 56 टन लहसुन को धुएं का इस्तेमाल कर दोषमुक्त किया जाए। लेकिन उच्च न्यायालय के इस निर्णय को प्रशासन ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी।
अधिकारियों का तर्क था कि इस प्रक्रिया के चलते आयातित लहसुन में मौजूद फंगस के पूरे देश में फैलने का खतरा है, जो अब तक यहां नदारद हैं। यदि ये फंगस देश में फैल गए तो भविष्य में यहां की खेती को तगड़ा नुकसान पहुंचेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, इस लहसुन में ऐसे खतरनाक फंगस हैं, जो इसे जल्द ही कूड़े में बदल देते हैं। यदि सतर्कता न बरती गई तो इसके भारत समेत अन्य देशों में भी फैलने का खतरा है। यदि ऐसा हो गया तो कृषि विशेषज्ञों के लिए इस विपदा पर नियंत्रण कर पाना काफी मुश्किल होगा।