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नए कोयला प्रस्तावों में भारत अग्रणी

नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में 38.4 गीगावॉट क्षमता के साथ नए वैश्विक कोयला प्रस्तावों में भारत की एक तिहाई हिस्सेदारी रहेगी, जो साल 2015 के बाद से सर्वाधिक है।

Last Updated- April 03, 2025 | 10:48 PM IST
Coal India

ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर की आज जारी नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में 38.4 गीगावॉट क्षमता के साथ नए वैश्विक कोयला प्रस्तावों में भारत की एक तिहाई हिस्सेदारी रहेगी, जो साल 2015 के बाद से सर्वाधिक है। बूम ऐंड बस्ट कोल रिपोर्ट के दसवें संस्करण में कहा गया है कि अब 10 देश कोयला क्षमता विकास के 96 फीसदी के लिए जिम्मेदार हैं, जिनमें चीन और भारत का 87 फीसदी योगदान है।

भारत के 38.4 गीगावॉट के नए प्रस्तावों में से करीब 60 फीसदी सरकारी धन का उपयोग करने वाली सरकार के स्वामित्व वाली संस्थाओं द्वारा समर्थित हैं। कोयला प्रस्ताव कोयले संबंधित किसी भी तरह के खनन, प्रसंस्करण, उपयोग अथवा नियामकीय योजनाओं को दर्शाता है और इसमें आमतौर पर कोयला क्षेत्र के भीतर अनुसंधान, विकास अथवा नीतिगत बदलाव शामिल होते हैं। इन नए कोयला प्रस्तावों ने भारत की कुल निर्माण पूर्व कोयला संयंत्र क्षमता को साल 2023 से 75 फीसदी से अधिक बढ़ाकर 81.4 गीगावॉट कर दिया है। देश की परिचालन क्षमता में भी मामूली वृद्धि देखी गई है, जिसमें 5.8 गीगावॉट की नई कोयला आधारित क्षमता जोड़ी गई है और 0.2 गीगावॉट की मामूली कटौती की गई है। नतीजतन, 5.6 गीगावॉट की शुद्ध वृद्धि हुई है, जिससे साल 2019 के बाद से भारत के कोयला बेड़े में सबसे अधिक इजाफा हुआ है।

चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भारत अपनी बिजली की करीब 75 फीसदी मांग को पूरा करने के लिए इस पर निर्भर है। वित्त वर्ष 2025 में ऐसा पहली बार हुआ जब भारत ने 1.04 अरब टन कोयले का उत्पादन किया। भारत और चीन साथ मिलकर साल 2024 में वैश्विक स्तर पर सभी नए प्रस्तावित कोयला बिजली क्षमता के 92 फीसदी के लिए जिम्मेदार होंगे।

First Published - April 3, 2025 | 10:44 PM IST

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