तंबाकू बोर्ड ने कर्नाटक में तंबाकू की फसल 1,000 लाख किलोग्राम तय की है जो पिछले कैलेंडर वर्ष के 950 लाख टन की तुलना में 5.2 प्रतिशत अधिक है।
तंबाकू की नीलामी 10 सितंबर से शुरु होनी तय हुई है। आंध्र प्रदेश के बाद कर्नाटक दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। कर्नाटक औसतन 1,500 लाख किलोग्राम तंबाकू का सालाना उत्पादन करता है।
तंबाकू बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि इस वर्ष की फसल पिछले वर्ष की तुलना में अच्छी है। उन्होंने कहा, ‘जुलाई के अंतिम सप्ताह और अगस्त की शुरुआत में हुई अच्छी बारिश से बेहतर फसल की उम्मीद है। इस साल परिमाण और गुणवत्ता दोनो नजरिये से फसल अधिक होगी।’
उन्होंने कहा, ‘पेरियापतना और रामनाथपुरा के कुछ किसान जिन्होंने शुरुआत में ही बुआई की थी, अभी फसल की कटाई कर रहे हैं। शुरुआती उत्पादन आकलन के अनुसार अनुमान है कि लगभग 1,000 किलो तंबाकू का उत्पादन होगा। परिस्थितियों को बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें बारिश रुकने तक का इंतजार करना होगा।’
कर्नाटक के मैसूर, हसन और शिमोगा जिले में कुल मिलाकर 85,000 हेक्टेयर में तंबाकू की खेती की गई है। इस राज्य में तंबाकू के 41,000 किसान और 56,630 खलिहान हैं। साल 2007 में राज्य में तंबाकू के फसल का आकार तंबाकू बोर्ड द्वारा 950 लाख टन तय किया गया था जिसमें से 876.5 लाख टन का विपणन संभव हो पाया जिसकी औसत कीमत 59.23 रुपये प्रति किलो थी।
पिछले वर्ष मॉनसूनी बारिश के अनियमित होने के कारण फसल का हिस्सा बर्बाद हो गया था। वर्ष 2007 में 832.7 लाख टन फसल तय की गई थी लेकिन अचानक मांग बढ़ने के कारण 968.8 लाख किलोग्राम की बिक्री हुई थी जिसकी औसत कीमत 55.94 रुपये प्रति किलो थी। तंबाकू बोर्ड अब उत्पादकों से मशविरा कर राज्य के विभिन्न नीलामी मंचों के लिए परिमाण निर्धारित करने में जुटा हुआ है।
साल 2007 में बोर्ड ने निम्लिखित तरीके से परिमाण सुनिश्चित किया था- एचडी कोटे 79.8 लाख किलो, हुंसुर-1 106.3 लाख किलो, हुंसुर-2 97.3 लाख किलो, पेरियापतना-1 121.5 लाख किलो, पेरियापतना-2 102.2 लाख किलो, पेरियापतना-3 98.7 लाख किलो, कंपालापुरा-1 89.8 लाख और कंपालापुरा-2 76.5 लाख किलो, रामनाथपुरा 157.1 लाख किलो और शिमोगा 11.5 लाख किलो।