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अंर्तराष्ट्रीय एजेंसी की ‘राइस रोटी रेट’ रिपोर्ट में भारत के आलू-टमाटर के भाव बढ़ने का हुआ जिक्र, पढ़ें सारी बात

टमाटर और आलू जैसी रसोई के आम इस्तेमाल वाली खाद्य वस्तुओं के महंगा होने से दिसंबर में घर का बना खाना महंगा हो गया।

Last Updated- January 06, 2025 | 8:42 PM IST
WPI, Inflation

Veg and Non-Veg Thali Cost: टमाटर और आलू जैसी रसोई के आम इस्तेमाल वाली खाद्य वस्तुओं के महंगा होने से दिसंबर में घर का बना खाना महंगा हो गया। सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (MI&A) रिसर्च की ‘राइस रोटी रेट’ रिपोर्ट के मुताबिक, शाकाहारी थाली (Veg Thali) तैयार करने की औसत लागत दिसंबर में छह प्रतिशत बढ़कर 31.6 रुपये प्रति प्लेट हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 29.7 रुपये प्लेट थी। हालांकि, यह कीमत नवंबर महीने की 32.7 रुपये की दर से कम है।

‘राइस रोटी रेट’ रिपोर्ट में, जो आम आदमी के भोजन पर खर्च का आकलन करती है, में क्रिसिल ने पाया कि मांसाहारी थाली (Non-Veg Thali) की लागत दिसंबर में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत और मासिक आधार पर तीन प्रतिशत बढ़कर 63.3 रुपये हो गई। खाद्य पदार्थों के महंगे होने के कारणों की व्याख्या करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में टमाटर की कीमतें 24 प्रतिशत बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं, जबकि आलू 50 प्रतिशत बढ़कर 36 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया।

रिपोर्ट कहती है कि सरकार द्वारा आयात शुल्क में बढ़ोतरी के कारण वनस्पति तेल की कीमत में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे आम आदमी के लिए परेशानी बढ़ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना परिप्रेक्ष्य से, एलपीजी ईंधन की दरों में 11 प्रतिशत की गिरावट ने उच्च लागत के प्रभाव को कम करने में मदद की है।

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मांसाहारी थाली के मामले में, ब्रॉयलर की कीमत में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसका समग्र भोजन लागत की गणना में 50 प्रतिशत भार होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पॉल्ट्री की कीमतों में उछाल पूर्व के निचले आधार की वजह से है। नवंबर की तुलना में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से ताजा आपूर्ति के बीच टमाटर की कीमतों में 12 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे शाकाहारी थाली की लागत तीन प्रतिशत कम करने में मदद मिली।

इसमें कहा गया है कि प्याज की कीमतों में 12 प्रतिशत और आलू की कीमतों में दो प्रतिशत की गिरावट ने नवंबर और दिसंबर के बीच कीमतों में कमी लाने में मदद की। इसमें कहा गया है कि शीत लहर से उत्पादन में गिरावट, त्योहारी और शादी-ब्याह की मांग में वृद्धि और चारे की ऊंची लागत के कारण ब्रॉयलर की कीमतों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिससे दिसंबर में मांसाहारी थाली की लागत में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई।

First Published - January 6, 2025 | 8:42 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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