देश में वनस्पति तेल का आयात नवंबर के दौरान 30 फीसदी बढ़कर 5.5 लाख टन हो गया जबकि इस दौरान सोयाबीन तेल का आयात नहीं किया गया।
औद्योगिक इकाई ने बताया कि पिछले साल समीक्षाधीन महीने में देश का वनस्पति तेल आयात 4.27 लाख टन के स्तर पर था।
मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी. वी. मेहता ने कहा कि एसबीओ पर 18 नवंबर से 20 फीसदी का आयात शुल्क लगाए जाने के बाद से कच्चे पाम ऑयल (सीपीओ) की लागत मूल्य और कच्चे सोयाबीन तेल (एसबीओ) के बीच में अंतर बढ़ गया है।
मेहता ने बताया कि सोयाबीन तेल पर शुल्क लगाए जाने से यह कम आकर्षक हो गया है और पिछले महीने सोयाबीन के तेल का कोई आयात नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले साल सोयाबीन तेल का कुल आयात 7. 59 लाख टन रहा जबकि कच्चा पाम आयल का आयात 40. 44 लाख टन था।
मेहता ने बताया कि इस सीजन में सोयाबीन तेल का आयात और घट सकता है जिसके बारे में 2008-09 तेल वर्ष के पहले महीने में ही संकेत दिया गया है।
एसईए ने वनस्पति तेल आयात आंकड़े जारी करते हुए कहा कि तेल वर्ष 2008-09 (नवंबर-अक्टूबर) में 5.19 लाख टन वनस्पति तेल एवं 36, 310 टन अखाद्य तेल शामिल है।
गौरतलब है कि समीक्षाधीन महीने में सीपीओ एवं आरबीडी पामोलिन का आयात क्रमश: 3.63 लाख टन और 1.37 लाख टन रहा जबकि पूर्व वर्ष में यह क्रमश: 3.14 लाख टन और 30,014 लाख टन था। औद्योगिक इकाई ने कहा कि अखाद्य तेल का आयात 55 फीसदी घटकर 36,310 टन पर पहुंच गया।