सोने की कीमतों में लगातार चौथे दिन भी गिरावट का दौर जारी रहा। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और डॉलर की मजबूती की वजह से सोने की कीमत कम हुई है।
इससे महंगाई के दौर में वैकल्पिक संपत्ति और हेज के तौर पर सोना की चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है। सर्राफा बाजार में सोने की कीमत दो सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। गुस्ताव तूफान की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में भी 8.7 फीसदी की कमी दर्ज की गई और इसका असर सोने के भाव पर भी पडा।
सोना की खुदाई करने वाली कंपनियों के शेयर भी बुधवार को लुढ़क गए। अमेरिकी डॉलर पिछले सात माह से अधिक अवधि में बुधवार को अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। फैट प्रोफेट मैनेजमेंट लिमिटैड के विश्लेषक ग्रेग केनावन ने कहा कि जुलाई-अगस्त की खरीदारी के बाद यह दौर सोने की सामूहिक तरलता का है।
सिंगापुर के सर्राफा बाजार में बुधवार दोपहर को सोना की तात्कालिक आपूर्ति में 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 898.90 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचा। चांदी की तात्कालिक आपूर्ति में भी 0.8 फीसदी की गिरावट हुई और यह 12.9637 डॉलर प्रति औंस हो गया।
न्यूयॉर्क मर्केंटाइल में कच्चे तेल की अक्टूबर आपूर्ति में भी 0.9 फीसदी की गिरावट हुई और यह 108.76 डॉलर प्रति बैरल हो गया। कांट्रेक्ट भी 0.7 फीसदी गिरा और पांच महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गया। केनावन के मुताबिक सोने में यह कमजोरी अमेरिकी डॉलर की मजबूती की वजह से हो रहा है।
बुधवार को यूरो के मुकाबले डॉलर चढ़कर 1.4412 हो गया, जो जनवरी के बाद सबसे अधिक है। ऑस्ट्रेलिया शेयर बाजार में ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी सोने की कंपनी का शेयर 9 प्रतिशत लुढ़क गया और यह शेयर 22.60 डॉलर पर बंद हुआ।
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी सबसे बड़ी सोने का उत्पादन करने वाली कंपनी लिहिर गोल्ड लिमिटेड के शेयर में भी 8.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 2.06 डॉलर पर बंद हुआ। सिडनी की ऑस्टॉक सिक्योरिटीज लिमिटेड के विश्लेषक हंटर हिलकोट का कहना है कि सोने की कीमतें लगातार नीचे जा रही है और डॉलर चढ़ रहा है।